मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. न्यूज एजेंसी PTI ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया कि गृह मंत्रालय मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के संपर्क में है, मणिपुर में शांति बहाली के लिए बातचीत की जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से राज्य से बाहर सुनवाई की अपील करेगी. असम की कोर्ट में मामले की सुनवाई की मांग की जाएगी. इसके अलावा, घटना का वीडियो जिस मोबाइल से बनाया गया था उसे भी बरामद कर लिया गया है. पुलिस ने सीबीआई को मोबाइल सौंप दिया है. वीडियो शूट करने वाले शख्स को भी अरेस्ट कर लिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में केंद्र सरकार ने शांति बहाली की कोशिश तेज कर दी है. इधर, विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A के सांसदों की एक टीम 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगी. इस दौरान वे हिंसा पीड़ितों से मुलाकात करेंगे. इससे पहले राहुल गांधी भी मणिपुर जा चुके हैं.
उधर, थोरबंग और कांगवे में गुरुवार सुबह से फायरिंग हो रही है. दोनों जगहों पर मैतेई और कुकी आमने-सामने हैं. आज जहां हिंसा जारी है, वहां भास्कर रिपोर्टर भी पहुंचे थे. वे फायरिंग के बीच फंस गए थे और पूरी रात CRPF के बंकर में गुजारी थी.
मणिपुर के CM मिजोरम में कुकी समर्थक रैली से नाराज
हिंसा के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मिजोरम में कुकी समुदाय के समर्थन में निकाली गई रैली पर नाराजगी जाहिर की है. इस रैली में मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने भी हिस्सा लिया था. बीरेन सिंह ने कहा कि जोरमथांगा को दूसरे राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
सीएम बीरेन सिंह ने कहा, 'यह राज्य सरकार की ड्रग कार्टेल के खिलाफ लड़ाई है. मणिपुर सरकार राज्य में रहने वाले कुकी समुदाय के खिलाफ नहीं है। राज्य सरकार मणिपुर में होने वाली सभी घटनाओं पर नजर रख रही है. उन लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है, जो मणिपुर की अखंडता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं.'
हिंसा के बाद से 13 हजार कुकी मिजोरम पहुंचे
हिंसा की वजह से मणिपुर से कुकी-जोमी समुदाय के करीब 13 हजार लोगों ने पलायन कर पड़ोसी राज्य मिजोरम में शरण ली है. दरअसल, मिजोरम के मिजो जनजाति का म्यांमार के कुकी-जो जनजाति और चिन समुदाय के साथ मजबूत संबंध है. यही वजह है कि यहां कुकी समुदाय के समर्थन में रैली निकाली गई.