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चंपई सोरेन ने बागवान की तरह जेएमएम को सींचा, रांची के शहीद मैदान में आयोजित मिलन समारोह कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन हजारों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल।।

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केंद्रीय कृषि मंत्री सह झारखंड के चुनाव प्रभारी *शिवराज सिंह चौहान* ने कहा कि चंपई सोरेन जी ने झारखंड के निर्माण के लिए अपनी जिंदगी और जवानी खपा दी, राज्य की जनता की सेवा में दिन रात एक कर दी। ऐसे ही लोगों के परिश्रम का परिणाम है कि आदरणीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने अलग झारखंड का निर्माण किया। चम्पाई सोरेन एक ऐसे नेता हैं, जो जीवन भर झारखंड के लिए लड़े और समर्पित भाव से जनता की सेवा की। झारखंड को बचाने के लिए, माता बहनों के सम्मान की रक्षा के लिए इन्होंने भाजपा के साथ आने का निर्णय लिया है। उनके आने से निश्चित तौर पर पार्टी को ताकत और ऊर्जा मिलेगी। ऐसे नेता चंपई सोरेन और उनके साथियों का भारतीय जनता पार्टी में स्वागत और अभिनंदन है। श्री चौहान रांची के धुर्वा स्थित शहीद मैदान में आयोजित मिलन समारोह कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने हजारों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। शिवराज सिंह चौहान, हिमंता विश्व सरमा, बाबूलाल मरांडी ने इन्हें सदस्यता दिलाई।

उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार और जेएमएम पर प्रहार करते हुए कहा कि जिस चंपई सोरेन ने बागवान की तरह जेएमएम को सींचा, उन्हीं को अपमानित किया गया। अब जेएमएम सबका नहीं रहा, एक परिवार की या यों कहें कि पति और पत्नी की पार्टी बनकर रह गई है। वहां कार्यकर्ताओं की कोई कद्र नहीं रही। चंपई जी केवल जनता के लिए जीते हैं। इनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। आखिर इनका दोष क्या था ? इन्होंने ईमानदारी से राज्य की सेवा की, दलालों को रोकने का काम किया था। 

चौहान ने कहा कि चंपई सोरेन जी एक ऐसे नेता जिन्होंने सीएम रहते राज्य को सही लाइन पर लाने का प्रयास किया। इसी का परिणाम है कि उनकी जासूसी की गई। उनके पीछे एक परिवार पड़ गया। उन्हें कई प्रकार से अपमानित करने का प्रयास किया गया। उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं बांटने दिया गया, उनकी बिना सहमति के विधायक दल की बैठक बुला ली गई। यह केवल चंपाई जी का नहीं बल्कि पूरे राज्य का अपमान है। 

केंद्रीय मंत्री ने झारखंड सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार अपने ही मंत्रियों और विधायकों की जासूसी करवा रही है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सोरेन सरकार डरी हुई है और यही वजह है कि वो अपने ही लोगों पर नज़र रख रही है। दो महीने वाली सरकार एक महीने के लिए मंत्री नियुक्त कर रही है। साथ ही उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ पर भी राज्य सरकार को घेरा। वहीं उन्होंने भीड़ से हाथ उठवाकर भी चंपई सोरेन का अभिनंदन और इस गठबंधन सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प करवाया। उन्होंने *टाईगर अभी जिंदा है* कहकर कार्यकर्ताओं में जोश भरा।

असम के मुख्यमंत्री और झारखंड चुनाव सह प्रभारी *हिमांता विश्व सरमा* ने कहा कि झारखंड देश में एक ऐसा प्रदेश है जहां के मुख्यमंत्री ही अपने मंत्री के पीछे जासूस लगाते हैं। हेमंत सोरेन सरकार ने कहा कि सिक्योरिटी की वजह से ऐसा किया गया था तो सवाल है कि सिक्योरिटी वाले पुलिस के हाथ में बंदूक क्यों नहीं था। हेमंत जी, चंपई सोरेन जी झारखंड आंदोलन के नेता हैं और आपके पिताजी शिबू सोरेन के साथ इन्होंने संघर्ष किया है और उनकी जासूसी कराना शर्मनाक है। चंपई सोरेन जी की जासूसी पिछले 6 महीने से कराई जा रही है, इससे संबंधित मेरे पास सबूत है। बीजेपी की सरकार आने पर इस जासूसी प्रकरण का सारा हिसाब किताब किया जाएगा। आईजी प्रभात कुमार जी से भी इसका हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चंपई सोरेन जी को सम्मान दिया है और हमेशा सम्मान दिया जाएगा। बाबूलाल मरांडी जी, अर्जुन मुंडा जी के साथ मिलकर चंपाई जी झारखंड के विकास और उत्थान के लिए काम करेंगे।

इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष *बाबूलाल मरांडी* ने कहा कि इस प्रदेश में साढ़े चार वर्षों में जिस प्रकार से हेमंत सरकार ने काम किया है, वह किसी से छुपा नहीं है। हर मोर्चे पर हेमंत सरकार फिसड्डी साबित हुई है। जेएमएम के लोग, विधायक भी इस सरकार में अपमानित महसूस कर रहे हैं। जेएमएम के विधायक से बात होती है तो वे लोग कहते हैं कि बड़ा अपमानित महसूस कर रहे हैं। वे लोग कहते हैं कि हम लोग का कोई वजूद ही नहीं रह गया है। इस सरकार में दलाल बिचौलियों, भ्रष्ट अफसरों की पूछ है। सरकार को यही लोग चला रहे हैं। हेमंत सोरेन इसके सरगना हैं। चंपई सोरेन जी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने समय पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भारतीय जनता पार्टी ही आदिवासियों और मूलवासियों के दर्द को महसूस करती है, इसलिए इनका कोई भला कर सकता है तो वह भाजपा ही है। झारखंड अलग राज्य की लड़ाई तो दशकों से चल रही थी। कांग्रेस की सरकार रही परंतु उसने झारखंडवासियों के दर्द को महसूस नहीं किया। अगर किसी ने महसूस किया तो वह भारतीय जनता पार्टी है। अटल बिहारी वाजपेई जी ने 15 नवम्बर 2000 को झारखंड अलग राज्य का गठन कर राज्य वासियों की इस मुंह मांगी मुराद को पूरी की। आदिवासियों के लिए भारत सरकार में अलग से मंत्रालय गठन करने सहित अन्य कई ऐतिहासिक कार्य भाजपा द्वारा किया गया। मोदी सरकार द्वारा अपने मंत्रिमंडल में सबसे अधिक आदिवासियों को जगह दी गई है। किसी सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च पद पर किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के रूप में बिठाकर सम्मान दिया गया तो वह भाजपा की सरकार है, नरेंद्र मोदी जी की सरकार है। आदिवासियों को सबसे अधिक मान और सम्मान भाजपा ने देने का काम किया है। झारखंड को, आदिवासियों को किसी ने लुटा है तो वह कांग्रेस और जेएमएम है। 

मरांडी ने कहा कि मोदी जी और भाजपा के दिल में झारखंड बसता है। भाजपा के दिलों में यहां के आदिवासी और मूलवासी बसते हैं। आदिवासियों का, मूलवासियों का, झारखंड का कोई विकास कर सकता है तो वह भारतीय जनता पार्टी है। झारखंड में अब चुनाव की कभी भी घोषणा हो सकती है। आप सभी यहां से संकल्प लेकर जाएं कि इस जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना है और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनाकर झारखंड में एक नया सवेरा लाना है।

*आदिवासी मूलवासी के अस्तित्व को बचाने के लिए भाजपा से बेहतर कोई मंच नहीं : चंपई सोरेन*

*वहीं भाजपा ज्वाइन करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि* जिस पार्टी को हमने गुरुजी के साथ मिलकर सींचने का काम किया, आज परिस्थिति ऐसी बनी कि यह कदम उठाना पड़ा। मेरे साथ जो अपमान हुआ, पार्टी के अंदर कोई भी ऐसा मंच नहीं था जहां हम अपनी पीड़ा को रख पाते। 5 साल से केंद्रीय कमेटी का गठन नहीं हुआ है, बैठक नहीं हो रहा है। हमसे सीनियर गुरुजी हैं, वे अस्वस्थ हैं, उसके बाद कोई नहीं है। जिस पार्टी को सींचा, उसको क्षति नहीं पहुंचाने का निर्णय लेते हुए हमने वहां से अकेले निकलने का फैसला किया। आज जिस तरह आदिवासियों की संख्या घटती जा रही है और उनका अस्तित्व खतरे में है, उसे देखते हुए मैंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है। आदिवासी अस्तित्व के संकट से दौर से गुजर रहा है। संथाल परगना में दर्जनों आदिवासी गांव मिट गए। संथाल के सभी जिलों के लोगों से बात हुई उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो संथाल में खोजने से भी आदिवासी नहीं मिलेंगे। आदिवासी मूलवासी समाज को बचाने के लिए हमने यह कदम उठाया है। बीजेपी पर पूरा भरोसा है कि हम इस मंच से लड़ पाएंगे और आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने में कामयाब होंगे।

चंपई सोरेन ने कहा कि मैं साफ दिल का हूं। ईमानदारी और संघर्ष ही मेरी राजनीतिक पूंजी है। कभी सोचा नहीं था कि मेरी जासूसी भी कराई जाएगी। भाजपा ही राज्य और देश का विकास कर सकती है। आदिवासी, मूलवासी और झारखंड का अस्तित्व बचाना ही मेरी प्राथमिकता है। इसके लिए बीजेपी से बेहतर कोई मंच नहीं हो सकता था, इसलिए हमने सोच समझकर राज्य हित में यह फैसला लिया है। 

इस दौरान प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, अर्जुन मुंडा, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, आदित्य साहू, दीपक प्रकाश, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, समीर उरांव, नवीन जायसवाल, मधु कोड़ा, गीता कोड़ा,सीता सोरेन ,दिनेशानंद गोस्वामी सहित हजारों की संख्या में नेता/कार्यकर्ता मौजूद थे।

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