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12 दिन, 2.5 लाख में बनी 'चम्पारण मटन', अब ऑस्कर में मचा रही धमाल

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बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान का वो सुपर डुपर वाला डायलाग तो आपने सुना ही होगा कि 'अगर तुम किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो सारी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में जुट जाती है'. लेकिन, क्या असल जिंदगी में भी ऐसा होता है ? कहा जाता है कि किसी मुकाम को हासिल करने के लिए आपके इरादे नेक और दृढ संकल्पित होना चाहिए. कुछ ऐसा ही देखने के लिए मिला शॉर्ट फिल्म 'चंपारण मटन' के साथ. जी हां... आम आदमी की 800 रुपये किलो का मटन खाने की जद्दोजहद को दिखाती बिहार के कलाकारों से सजी शॉर्ट फिल्म चंपारण मटन ऑस्कर तक पहुंच गई है. इस फिल्म में लॉकडाउन की स्थिति को दर्शाया गया है, जिसमें आम लोगों को जीने के लिए ना जाने कितने मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस फिल्म के डायरेक्टर बिहार के हाजीपुर के रंजन कुमार हैं, जो कि फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के स्टूडेंट हैं और एक प्रोजेक्ट के तहत फिल्म बनाकर चर्चा का विषय बन गए हैं. उनकी यह फिल्म इन दिनों खूब सुर्खियों में है और लोगों द्वारा पसंद भी किया जा रहा है. लोग फिल्म की जमकर सराहना भी कर रहे हैं. 

अब सवाल है कि आखिर रंजन कुमार को यह आईडिया कहां से आया.... तो रंजन फिलहाल पुणे में रह कर पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन वह मूल रूप से बिहार के ही रहने वाले हैं. उन्हें फाइनल परीक्षा के लिए एक शार्ट फिल्म बनानी थी. जिसके लिए उन्होंने 'चंपारण मीट' को विषय के रूप में चुना. रंजन कुमार ने पूरी फिल्म बनाई. फिल्म बनने के बाद इंस्टीट्यूट के जज उसे देखते हैं और इसे डायरेक्शन, राइटिंग, सिनेमैटोग्राफी-एडिटिंग, प्रोडक्शन डिजाइन, साउंड डिजाइन के आधार पर नंबर देते हैं. वहीं, अगर फिल्म अच्छी लगती है तो कॉलेज के तरफ से इसे अलग-अलग प्लेटफार्म और फिल्म फेस्टिवल में भेजा भी जाता है. चंपारण मीट को भी खूब पसंद किया गया और इसे भेजा गया. चंपारण मटन को ऑस्कर के लिए भी भेजा गया जहां उसे सेलेक्ट कर लिया गया. उसके बाद यह फिल्म स्टूडेंट एकेडमी अवॉर्ड 2023 के सेमीफाइनल में पहुंच गई. जानकारी के मुताबिक, इन एकेडमी अवॉर्ड्स में हर साल हजारों फिल्में जाती हैं जो कॉलेज स्टूडेंट ही बनाते हैं. इस बार करीब 2400 फिल्में भेजी गई थीं जिनमें से चंपारण मटन इंडिया की तरफ से इकलौती चुनी गई फिल्म है. ये फिल्म नैरेटिव कैटेगरी में सेलेक्ट हुई है.   

आब बात करें फिल्म के स्टारकास्ट की तो.... अहम भूमिका में वेब सीरीज पंचायत में विकास का रोल प्ले कर चुके चंदन रॉय हैं. और चंदन रॉय के अपोजिट में अभिनेत्री फलक खान हैं. खास बात यह भी कही जा रही है कि, इस फिल्म में काम करने के लिए चंदन रॉय ने कोई भी फीस नहीं ली थी. ऐसा बताया गया कि, फिल्म में चंदन रॉय ने फ्री में काम किया है क्योंकि वो खुद बिहार से है और इस फिल्म से वो खुद को अटैच कर पाए. वहीं, दूसरी तरफ फलक खान खुद फिल्म की सराहना करते नहीं थक रही. वहीं, 12 दिन में तैयार की गई शार्ट फिल्म 'चंपारण मटन' इन दिनों ना जाने कितने लोगों के दिलों पर राज कर रही है. 

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