आज कार्तिक पूर्णिमा का दिन है. आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. ऐसे में राजधानी पटना में गंगा घाटों का नजारा बदल गया है. दरअसल, बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए उमड़ पड़े हैं. सभी श्रधालुओं ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगायी. यहां केवल राजधानी पटना ही नहीं बल्कि दूर-दराज से लोग भी गंगा स्नान के लिए पहुंचे. वहीं, श्रधालुओं की लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट दिखा. जिला प्रशासन की ओर से 65 घाटों पर व्यवस्था की गई है. इनमें दीघा क्षेत्र के जेपी सेतु घाट, गेट नंबर 88 से गेट नंबर 92, बिंद टोली घाट, पाटीपुल घाट, राजापुर पुल घाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रू घाट शामिल है.
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी मजिस्ट्रेट की तैनाती
बता दें कि, कार्तिक पूर्णिमा को लेकर राजधानी पटना में ट्रैफिक रूट बदल दिए गए हैं. श्रधालुओं की सुरक्षा को लेकर गंगा घाटों पर मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी, चिकित्सा कैंप, अस्थायी नियंत्रण कक्ष, अग्निशमन टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरफ, वाटर टैंक आदि की व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है, ताकि बाहर से आने वालों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. इसके साथ ही कुछ घाटों की स्थिति को ठीक नहीं देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से उसे खतरनाक घोषित कर दिया है. इसके अलावे पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है.
क्या है गनगा स्नान का महत्व ?
कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है. इसकी गाथा पौराणिक ग्रंथों में भी है. पटना के राम जानकी मंदिर के पुजारी रामसुंदर शरण ने बताया कि, शिव पुराण के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने आज के दिन त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. इससे आकाश और पाताल के लोग काफी खुश हुए थे. इस खुशी में सभी देवी देवता धरती पर विराजमान हुए थे. खुशी में गंगा स्नान किया था. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सभी देवी-देवता गंगा में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं और धरती पर विराजमान रहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि, सच्चे मन से आज के दिन कुछ मांगने पर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है.