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राजपूत के 'अपमान' पर RJD में घमासान, बोले आनंद मोहन- मनोज झा की जीभ खींचकर सदन में उछालता

राज्यसभा में 21 सितंबर को आरजेडी राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए ठाकुरों पर कविता सुनाई थी. इसमें उन्होंने अपने भाषण के लास्ट में ठाकुरों पर कविता सुनाते हुए कहा था कि चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का.....अब इस कविता को लेकर बिहार के ठाकुर नेता नाराज हो गए हैं. सबसे पहले इस कविता को लेकर उनकी ही पार्टी के विधायक ने मोर्चा खोल दिया है. राजद विधायक चेतन आनंद ने मनोज झा के साथ ही साथ तेजस्वी और पार्टी के तमाम बड़े नेता से कड़ा सवाल पूछ डाला.  उसके बाद उन्हीं की पार्टी के बाहुबली नेता आनंद मोहन ने भी कहा कि अगर मैं उस वक्त राज्यसभा में होता तो उनकी जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर. वहीं, आरजेडी के ही विधायक और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

दरसअल, राजद विधायक चेतन आनंद ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा है कि वह मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध करते हैं. चेतन आनंद यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने फेसबुक लाइव किया और कहा है कि मनोज झा ब्राह्मणों पर कविता क्यों नहीं सुनाते हैं. वो इसके लिए जनता से माफी मांगे. वरना हम चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे.

इधर, RJD ने अपने ट्विटर हैंडल से मनोज झा का भाषण शेयर करते हुए लिखा है-दमदार और शानदार. दरअसल, महिला आरक्षण बिल पर सदन में अपनी बात रखते हुए आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा था कि इस बिल को दया भाव की तरह पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि दया कभी अधिकार की श्रेणी में नहीं आ सकती है. आखिरी में उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़कर अंदर के ठाकुरों को मारने का आह्वान किया था.

आनंद मोहन बोले...अगर मैं राज्यसभा में होता तो जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर. आप इतने बड़े समाजवादी हो तो झा क्यों लगाते हो. आप पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारो. रामायण में ठाकुर, महाभारत में ठाकुर, सभी कथा में ठाकुर. मंदिर में ठाकुर हैं कहां-कहां से भागोओ. इधर, आरजेडी विधायक चेतन आनंद मोहन ने कहा कि आप ब्राह्मण हैं इसलिए आपने ब्राह्मणों के विरोध में कविता नहीं पढ़ी.

राजद विधायक चेतन ने आनंद कहा है कि हम ठाकुर है सब सबको साथ लेकर चलते हैं. इतिहास में सबसे अधिक बलिदान हमारा है. समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं! जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे!! माननीय सांसद मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध!

चेतन आनंद इस पोस्ट के बाद बुधवार सुबह फेसबुक पर लाइव आए. उन्होंने कहा कि मनोज झा ठाकुरों को विलेन बता रहे हैं. आपको ठाकुरों से एक एलर्जी है. दुनिया में इतनी सारी कविताएं हैं उन्हें इस्तेमाल कर लेते. आप ब्राह्मण हैं इसलिए आपने ब्राह्मणों के विरोध में कविता नहीं पढ़ी. आपके लोग आपको जीने नहीं देते, इसलिए आपने उनके खिलाफ कविता नहीं पढ़ी.


चेतन आनंद ने कहा कि मुझे शर्म आती है राज्यसभा में बैठे हमारे जाति के लोग ये सब सुनते रहे। मैं सदन में रहता तो धरना देता, प्रदर्शन करता, चुपचाप नहीं सुनता। इसमें हमारे समाज के लोगों की गलती है जो अपने समाज को इतना कुछ सुन लिया। कुछ लोग पार्टी में रहकर ए-टू-जेड फॉर्मूला बिगाड़ना चाहते हैं. ऐसे लोग जो मुंह में आता है बक देते हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे, चुपचाप तमाशा नहीं देखेंगे. इसे हम पार्टी फोरम पर उठाएंगे. एक-दो जात को लेकर राजनीति नहीं होती. मनोज झा को पब्लिक के सामने माफी मांगनी चाहिए. मैं अपना नाम चेतन आनंद लिखता हूं...आप क्यों नहीं मनोज लिखते हैं झा क्यों लगाते हैं.

मुझे शर्म आती है राज्यसभा में बैठे हमारे जाति के लोग ये सब सुनते रहे. मैं सदन में रहता तो धरना देता, प्रदर्शन करता, चुपचाप नहीं सुनता. इसमें हमारे समाज के लोगों की गलती है जो अपने समाज को इतना कुछ सुन लिया. कुछ लोग पार्टी में रहकर ए-टू-जेड फॉर्मूला बिगाड़ना चाहते हैं. ऐसे लोग जो मुंह में आता है बक देते हैं. मनोज झा का बयान समाजवाद नहीं है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे, चुपचाप तमाशा नहीं देखेंगे. इसे हम पार्टी फोरम पर उठाएंगे. एक-दो जात को लेकर राजनीति नहीं होती. मनोज झा को पब्लिश के सामने माफी मांगनी चाहिए. मैं अपना नाम चेतन आनंद लिखता हूं...आप क्यों नहीं मनोज लिखते हैं झा क्यों लगाते हैं.

इस पूरे मामले पर जेडीयू प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह ने कहा कि मनोझ झा को भारत के इतिहास में ठाकुरों का बलिदान नहीं पता है. बलिदान हमने दिया, सर हमने कटाया, सती हमारे घर की औरतें हुईं, जौहर किया, सब कुछ गंवा कर धर्म और देश की रक्षा की. उनको यह सब कौन समझाए. कविता किस प्रसंग में लिखी गई यह अलग विषय है. किसी ने तो यह भी लिखा है कि नाग को देखें और मैथिली ब्राह्मण को देखें तो पहले मैथिली ब्राह्मण को मारना चाहिए। ये उपयोग हो सकता है क्या?

उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए. ऐसे की शब्दों की वजह से राजद को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था, क्या इससे भी सीख नहीं मिली! सुनील सिंह ने कहा कि मनोज झा अपने अंदर के ठाकुर की बात क्यों करते हैं, उनके अपने अंदर के ब्राह्मण को मारने की बात करते. जितनी बार मर्जी हो अपने अंदर के ब्राह्मण को मारे, इससे हमें क्या? कहा कि धर्म और जाति की भावना आहत नहीं करना चाहिए.

वहीं, इस पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि राज्यसभा सांसद मनोज झा के बातों का मतलब लोग समझ नहीं पाए. ठाकुर किसी के अंदर भी हो सकता है. यह अंहकार है. उसे जब तक नहीं निकालिएगा स्वीकार्यता नहीं होती है. जो मनोज झा के शब्दों का मतलब नहीं समझ पाए हैं वे अलग से व्याख्या करने की कोशिश नहीं करें.

उन्होंने कहा कि जिनका दर्द छलक रहा है वह किसी और कारण से छलक रहा है. उन्होंने जाति शब्द का उपयोग नहीं किया है. चेतन आनंद के बारे में कहा कि जिसकी जितनी समझदारी है वह उतना ही समझ पाएंगे, किसी को किसी और चीज का दर्द है किसी को किसी और चीज का. जो शब्द का मर्म समझेगा वही सही व्याख्या कर सकता है. कोई अज्ञानी की गलत व्याख्या करेगा.

हालांकि अंदर खाने की खबर कुछ और ही है जिस पर मामला इतना गरमाता जा रहा है. राजद सूत्र बता रहे हैं कि करीब कुछ दिनों पहले लालू यादव ने आनंद मोहन को अपने 10 सर्कुलर आवास से चलता कर दिया था. राजद के एक नेता ने बताया कि आनंद मोहन पिछले दिनों लालू यादव से मुलाकात करने लालू-राबड़ी के 10 सर्कुलर आवास पहुंचे थे. उनकी गाड़ी 10, सर्कुलर रोड के गेट पर रूकी. अदंर मैसेज भेजा गया कि आनंद मोहन मिलने आये हैं लेकिन लालू–राबड़ी आवास के बाहर 10 मिनट तक इंतजार करने के बावजूद आनंद मोहन के लिए गेट नहीं खुला. दरअसल आनंद मोहन अपनी गाड़ी में बैठ कर 10, सर्कुलर स्थित लालू-राबड़ी आवास के अंदर जाना चाहते थे. लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने गेट ही नहीं खोला. उन्हें अंदर से गेट खोलने का कोई निर्देश नहीं मिला.

सूत्रों के हवाले के खबर आई कि राजद नेता ने कहा है कि करीब 10 मिनट तक आनंद मोहन अपनी गाड़ी में बैठे इंतजार करते रहे. उसके बाद अंदर से ये मैसेज आया कि साहब (लालू यादव) अभी मुलाकात नहीं करेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन की भारी बेइज्जती के बाद उनके परिवार में बौखलाहट है. इसके बाद ही बेटे चेतन आनंद के जरिये मनोज झा को निशाने पर लिया गया है. बता दें कि मनोज झा लालू-तेजस्वी के सबसे खास लोगों में शामिल है.

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