कुछ ही दिनों में जुलाई महीने की शुरुआत हो जाएगी. लेकिन, इससे पहले ही उत्तर बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है. दरअसल, नेपाल में बारिश का असर उत्तर बिहार के जिलों में बाढ़ के रूप में देखने के लिए मिल रहा है. इस बीच जिला प्रशासन भी बाढ़ नियंत्रण को लेकर तैयारियों में जुट गया है. बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां पूरजोर तरीके से की जा रही है. इस बीच बाल मजदूरी का मामला सामने आया है जो कि सुपौल जिले का है. सुपौल जिले में ठेकेदारों के द्वारा बाढ़ नियंत्रण का काम बाल मजदूरों से कराया जा रहा है.
यह पूरा मामला जिले के सदर प्रखंड के बसबिट्टी का है. जहां पूर्वी कोसी तटबंध 64.95 से लेकर 65.46 के बीच कई जगह कोसी तटबंध पर मिट्टी का ढेर लगाया गया है, ताकि बाढ़ अवधि के समय आने वाले समय में तटबंध या स्पर में कटाव की स्थिति उत्पन्न होगी तो इन मिट्टियों को बोरे में डालकर कटाव स्थल पर डाला जा सके. इसको लेकर जगह-जगह अभी से ही एसी बैग तैयार किया जा रहा है. जिसमें बोरे में मिट्टी और बालू भरकर रखा जा रहा है.
लेकिन, ठेकेदार द्वारा तटबंध पर ही बाढ़ नियंत्रण कार्य की तैयारी के लिए बोरे में मिट्टी डालने का कार्य सरेआम बाल मजदूरों से कराया जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों से बोरे में मिट्टी भराई का कार्य कराया जा रहा है. इसके बावजूद जिला प्रशासन या फिर विभाग मौन है. इतना ही नहीं लोगों की शिकायत है कि तटबंध की सड़क पर मिट्टी रखने से आए दिन दुर्घटना भी हो रही है, जिसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ता है. हालांकि, अब यह देखने वाली बात होगी कि आखिर जिला प्रशासन इस मामले के सामने आने के बाद क्या कुछ एक्शन लेता है.