देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 मार्च को औरंगाबाद और बेगूसराय पहुंचे जहां उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान बिहार की जनता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपार समर्थन मिला. पीएम मोदी की बस एक झलक के लिए लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान बीजेपी और जेडीयू के बीच एकता देखने के लिए मिली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ जेडीयू के अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. लेकिन, फिर भी इस रैली को लेकर चर्चा जोरों पर है. दरअसल, चर्चा यह है कि कुछ ही महीने में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन इससे पहले एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है.
चिराग पासवान ने रैली से बनाई दूरी
पीएम नरेंद्र मोदी के हनुमान कहे जाने वाले लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री की रैलियों से दूरी बनाई. वहीं, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा भी औरंगाबाद और बेगूसराय रैली की सभा में नजर नहीं आए. दोनों ही नेता ने पीएम मोदी का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर कर भी स्वागत नहीं किया. जबकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी समेत एनडीए के अन्य नेता पीएम की सभाओं में शामिल हुए. तो वहीं, अब चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के पीएम मोदी की रैलियों से दूरी बनाए जाना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
सीट बंटवारे का मामला
जिसके बाद से उन अटकलों को हवा मिल गई है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल, एनडीए में बिहार की लोकसभा सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है. यही कारण है कि, बीजेपी ने शनिवार को देशभर की 195 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए, लेकिन इसमें बिहार की एक भी सीट नहीं थी. चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर अपने चाचा पशुपति पारस से तकरार चल रही है. बीजेपी इन दोनों के बीच सहमति बनाने में अब तक सफल नहीं हुई है. दूसरी ओर, चिराग पासवान जेडीयू की एनडीए में वापसी से भी ज्यादा खुश नहीं नजर आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने दिया था भाषण
याद दिला दें कि, पिछले महीने ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के समय उन्होंने कहा था कि, वह उनकी नीतियों का विरोध करते रहेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में पशुपति पारस और नीतीश कुमार दोनों मंच पर मौजूद रहे. माना जा रहा है कि, इन्हीं वजहों से चिराग पासवान, पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में शामिल नहीं हुए. दूसरी ओर रालोजद के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा को लेकर भी चर्चा तेज है. चर्चा है कि, सीटों पर सहमति नहीं बनने के चलते उपेंद्र कुशवाहा भी अलग-थलग चलते हुए नजर आ रहे हैं. उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा था कि, कुशवाहा पीएम मोदी की बेगूसराय रैली में शामिल होंगे और भाषण भी देंगे. लेकिन, शनिवार को बेगूसराय की जनसभा में वे नजर नहीं आए. कुशवाहा ने रोहतास जिले का दौरा किया और विभिन्न शादी समारोह में शिरकत की. यहां तक कि उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी को लेकर कोई पोस्ट भी नहीं की.
अभी तक नहीं हुआ सीटों का बंटवारा
इधर, बिहार एनडीए में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन बीजेपी के 17 और जेडीयू के 16 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है. अन्य सात सीटों पर चारों सहयोगी दलों को एडजस्ट किया जाएगा. जेडीयूअपनी सीटिंग सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है. ऐसे में सीट शेयरिंग का मुद्दा पेचीदा बना हुआ है. उपेंद्र कुशवाहा काराकाट लोकसभा सीट पर दावा ठोक रहे हैं, लेकिन यह सीट अभी जेडीयू के पास है. जीतनराम मांझी भी गया लोकसभा सीट चाहते हैं, जहां से जेडीयू के विजय मांझी ने पिछली बार चुनाव जीता था. इसके अलावा, कुछ अन्य सीटों पर भी पेच फंसा हुआ है. बता दें कि, लोकसभा चुनाव की हवा इन दिनों राजनीतिक पार्टियों के बीच चल रही है. वहीं, इसे लेकर अब तमाम तरह की चर्चाएं सुर्खियों में है.