आज लोक सभा में वक़्फ़ संसोधन विधेयक पेश किया गया । इसको लेकर पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि देखिए पुनः विपक्ष की वही साजिश शुरू हुई है जहां पर दूसरों को भ्रमित करना, दूसरों को डराने का प्रयास पुनः विपक्ष में शुरू किया है । जिस तरीके से लोकसभा के चुनाव में आरक्षण खत्म हो जाएगा ! संविधान खत्म हो जाएगा ! इस तमाम तरह के भ्रमित बातें करनी शुरू की । वहीं वक़्फ़ बोर्ड में जो संशोधन बिल आया है उसको लेकर पुनः इस बात का भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया कि मुसलमान विरोधी है । मुसलमान का हक छीनने के लिए इस कानून को लाया गया है । जबकि जब आप इसको पढ़ेंगे तो यह वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए इस कानून को लाया जा रहा है । इसमें कई ऐसी बातें हैं और सुझाव है जब विपक्ष सत्ता में था तो उन्ही के द्वारा दिया गया था । वह इसको लागू नहीं कर पाए थे और यह मामला बहुत दिनों से लंबित था और कई मुस्लिम संगठन समय-समय पर यह मांग करते रहे हैं । उन्ही के हक और अधिकारों को और मजबूत करने के लिए यह बिल लाया गया ताकि समाज के गरीब मुसलमान को भी उनका हक और अधिकार मिले ।यही सोच के साथ यह अमेंडमेंट लाया जा रहा था । लेकिन पुनः इसको भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा था । क्योंकि किसी के दिमाग में को शंका नहीं रहे इसलिए लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने भी सरकार के समक्ष अपनी बातों और सुझाव को रखा था कि यह इसको किसी कमेटी के पास रख दिया जाए । ताकि जितने स्टेक होल्डर हैं जो भी इसके साथ जुड़े हुए हैं खुलकर चर्चा कर सके और जो भ्रम फैलाया जा रहा है मुसलमान विरोधी है उस आशंका को दूर किया जा सके । चिराग ने कहा कि मैं धन्यवाद देता हूं प्रधानमंत्री जी का और केंद्र सरकार को क्योंकि सरकार ने सदन के पटल पर मजबूती से इस बिल को इंट्रोड्यूस किया और सरकार के बातों को मजबूती से रखा है और विपक्ष के मन में कोई शंका नही रहे इसके लिए जेपीसी को इसको रिक्रूटमेंट करने की बात की गई है और आने वाले दिन में जल्द इसका गठन होगा । इसमें महिलाओं का रिप्रेजेंटेशन हो और इस संस्था में पूरी तरीके से प्रदर्शित हो इस सोच के साथ सरकार इस विधायक को लेकर आई है । लेकिन अब यह जेपीसी में जा चुका है उसके बाद आगे देखा जाएगा । सहयोगी दलों में लल्लन सिंह ने इसका खुलकर समर्थन किया है ।
वही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आरक्षण में क्रीमी लेयर के फैसले पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के सवाल पर चिराग ने कहा कि मैं मांझी जी के बयान पर कोई भी टिप्पणी नहीं करूंगा । इस दौरान मैंने कई अनुसूचित जाति संगठनों से मैं बातचीत की । पार्लियामेंट में कई सांसदों से मैं बातचीत की संभवत आने वाले दिनों में अनुसूचित समाज से आने वाले समय में एक सर्व दलीय बैठक भी हम लोग करेंगे । ऐसे में मैं प्रमुखता से पहले भी कहा था पुनः भी एक बार दोहराता हूं इसमें जो ऑब्जरवेशन सुप्रीम कोर्ट के आए हैं इसमें कहीं पर भी अनटचेबिलिटी शब्द का जिक्र भी नहीं है । अगर आप 530 पन्नों से ज्यादा कर ऑब्जरवेशन को आप पढ़ेंगे तो कहीं भी अनटचेबिलिटी शब्द का इस्तेमाल नहीं है जबकि अनुसूचित जाति यह कास्ट है जिसको शेड्यूल किया गया है भारत के संविधान में उसका आधार ही छुआछूत रहा है । जिसको समय-समय पर छुआछूत के वजह से गांव से बाहर रखा गया है । ऐसी जातियों में क्रीमि लेयर का प्रावधान संभव ही नहीं है । जिसमें आज भी ऐसे उदाहरण है जिसमें दलित युवक को घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है । हाल फिलहाल की घटना है एक आईपीएस ऑफिसर ने सिक्योरिटी की डिमांड की क्योंकि वह अपनी बारात में घोड़ी पर चढ़ सके । मैं नाम लेना नहीं चाहता हूं कि जो इस फैसले का समर्थन करते हैं यह यही लोग हैं जिनको मंदिर जाने के बाद मंदिर को धुलवाया गया था । पूर्व मुख्यमंत्री के साथ भी आज के तारीख में छुआछूत होता है तो इसका आधार सिर्फ अनटचेबिलिटी है इसमें क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है ।