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आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच के लिए पहुंची CID की टीम, वारदात को किया रीक्रिएट

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मंगलवार को प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच अपराध अनुसंधान इकाई ने अपने हाथ में ले ली. अपराध अनुसंधान इकाई के डीआईजी दलजीत सिंह के नेतृत्व में CID की टीम पटना से मुजफ्फरपुर स्थित चंदवारा मारवाड़ी हाई स्कूल के पास घटनास्थल पर पहुंची. टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच-पड़ताल शुरू की. जांच के दौरान सीआईडी ने FSL विभाग की मदद से वारदात को रीक्रिएट करवाया. CID ने रिक्रिएशन करवा के वारदात के दिन कैसे आशुतोष शाही की हत्या की गई उसको समझने की कोशिश की. पूरी वारदात को नाट्य रूपांतरण कर देखा गया. जिस कमरे में आशुतोष शाही की हत्या की गई उस कमरे से लेकर कमरे में जाने के रास्ते और बाहर के दरवाजे तक CID ने सब कुछ का मुआयना किया. अपराध अनुसंधान इकाई के इस पूरे ऑपरेशन में जिला पुलिस ने उनका सहयोग किया. एसएसपी, सिटी एसपी, नगर डीएसपी और नगर थानाध्यक्ष मौके पर मौजूद थे. 

बता दें कि, CID की टीम घटनास्थल पर दोपहर करीब ढाई बजे पहुंच चुकी थी. घटनास्थल पर पहुंचते ही सीआईडी ने FSL की टीम को बुलवाया और जांच-पड़ताल शुरू कर दी. सबसे पहले टीम ने घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी आशुतोष शाही के ड्राइवर अशोक कुमार महतो और सैयद कासिम हसन ऊर्फ डॉलर के जूनियर अमन चाचान को बुलवाया और वारदात की जानकारी ली. हत्याकांड के वक्त ड्राइवर अपनी गाड़ी में बाहर बैठा था. वहीं, डॉलर वकील के जूनियर अमन चाचान उसी कमरे में मौजूद थे, जहां वारदात को अंजाम दिया गया. दोनों की निशानदेही पर पूरे वारदात को रीक्रिएट किया गया. 

आशुतोष शाही के ड्राइवर ने पूरे घटनाक्रम को बताया. सीआईडी ने हत्याकांड को बारीकी से समझने के लिए एक पुतला भी मंगवाया था ताकि ये पता लगाया जा सके कि आशुतोष की हत्या कैसे की गई. वकील डॉलर के जुनियर अमन चाचान ने अंदर में घटित वारदात का खुलासा किया. अमन ने बताया कि, दो अपराधी हेलमेट लगाकर ऑफिस के रास्ते एसी लगे हुए कमरे में घुस गए. जहां आशुतोष शाही, वकील सैयद कासिम हसन, जूनियर वकील अमन चाचान और शेरू अहमद बैठे हुए थे. 

दोनों के हाथ में पिस्टल थी. कमरे में घुसते अपराधियों ने आशुतोष शाही पर अंधाधुन फायरिंग कर दी. कमरे में लगे सोफे के एक कोने पर आशुतोष शाही बैठे हुए थे. वकील कासिम हसन कमरे में बेड पर लेटे हुए थे. जैसे ही आशुतोष शाही को गोली मारी गई, उन्होंने वकील कासिम हसन के दाहिने हाथ को पकड़ लिया. उसी क्रम में अपराधियों ने कासिम हसन के हाथ में भी गोली मार दी और बाहर की तरफ भाग निकले. बाहर निकलने के बाद फिर से उन्होंने तीनों बॉडीगार्ड पर फायरिंग की. 

बॉडीगार्ड ने भी जवाब में फायरिंग की. ड्राइवर ने बताया कि, चारो अपराधी बॉडीगार्ड पर गोली बरसाते हुए लकड़िधाई की तरफ निकल गए. इन दोनों महत्वपूर्ण चश्मदीदों की मदद से FSL ने वारदात को नाट्य रूपांतरण कर घटना को समझने की कोशिश की और उसे रिकॉर्ड भी किया. सीआईडी की टीम ने लगभग 3 घंटे तक छानबीन की. उसके बाद वापस शाम करीब साढ़े 5 बजे पटना लौट गई. पूरे ऑपरेशन के बारे में वरीय पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि, आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच अब अपराध अनुसंधान इकाई के द्वारा की जा रही है. आज उसी क्रम में CID की टीम घटनास्थल पर पहुंची थी.

यह भी बता दें कि, 21 जुलाई की रात प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या कर दी गई थी. उनके साथ अब तक उनके 3 बॉडीगार्ड की मौत भी हो चुकी है. पूरे मामले में जिला पुलिस ने उनकी पत्नी द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर कुल 6 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी. अब तक पुलिस ने दो आरोपित शेरू अहमद और विक्रांत कुमार उर्फ विक्कू शुक्ला को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. जिला पुलिस के द्वारा घटना के मुख्य आरोपितों और शूटर्स को अब तक नहीं पकड़ा गया है. हत्याकांड के इस मामले में एसटीएफ के एडीजी सुशील मानसिंह खोपड़े भी मुजफ्फरपुर पहुंच चुके है. 

कहीं न कहीं बिहार पुलिस मुख्यालय की नजर इस हत्याकांड पर शुरू से बनी हुई है. अब तक जिला पुलिस इस हत्याकांड पर कुछ ज्यादा हासिल नहीं कर पाई है. इसी सिलसिले में वरीय पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को शहरी क्षेत्र के 7 थानेदारों को लाइन हाजिर कर दिया था. हत्या के 10 दिन बीत जाने के बाद भी हत्याकांड के मुख्य आरोपितों को नहीं पकड़ा गया था. 10 दिन बीत जाने के बाद भी जिला पुलिस और एसटीएफ की टीम इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में नाकाम साबित हो रही थी इसलिए कहीं न कहीं इस पूरे मामले को अपराध अनुसंधान इकाई पटना को सौंप दिया गया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि, सीआईडी इस हत्याकांड की गुत्थी कब तक सुलझा पाएगी.

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