मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरगामी 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के तहत बिहार की अपने तरह की पहली एवं अतिमहत्वाकांक्षी 'गंगा जल आपूर्ति योजना' के दोनों चरणों के काम रिकॉर्ड समय में पूरे हो गये हैं. इसके दूसरे चरण में नवादा शहर में हर घर गंगाजल की आपूर्ति के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा कराये गये कार्यों का खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकार्पण किया. बता दें कि, इस दौरान लोगों की भारी भीड़ दिखी. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे अन्य मंत्री और अधिकारी भी मौजूद रहे. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू दूरगामी 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान का एक महत्वपूर्ण अवयव अधिशेष नदी जल को जल संकट वाले शहरों में ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करना है.
बता दें कि, इसके तहत गंगा नदी की बाढ़ के पानी को दक्षिण बिहार के महत्वपूर्ण शहरों राजगीर, गया, बोधगया और नवादा में पेयजल के रूप में उपयोग करने की मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप जल संसाधन विभाग ने अतिमहत्वाकांक्षी 'गंगा जल आपूर्ति योजना' तैयार की है. इन शहरों में हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. गंगा जल आपूर्ति योजना के पहले चरण के कार्यों को पिछले वर्ष रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया था और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 नवंबर 2022 को राजगीर तथा 28 नवंबर 2022 को गया एवं बोधगया में इसका लोकार्पण किया था. पहले चरण के लोकार्पण के दौरान उन्होंने वर्ष 2023 के अंत तक नवादा शहर में भी घरेलू उपयोग हेतु गंगा जल की आपूर्ति शुरू करने के निर्देश दिये थे. मुख्यमंत्री के निर्देश को मूर्त रूप प्रदान करते हुए जल संसाधन विभाग ने नवादा शहर में भी हर घर गंगा जल आपूर्ति का कार्य ससमय पूरा कर लिया है.
बता दें कि, राजगीर शहर में 8031, बोधगया में 6000 तथा गया शहर में 75000 घरों में पिछले एक वर्ष से शुद्ध पेयजल के रूप में हर घर गंगाजल की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है. इसके अतिरिक्त इस वर्ष राजगीर मलमास मेला के दौरान पहुंचे करीब दो करोड़ और गयाजी धाम में पितृपक्ष महासंगम के दौरान पहुंचे 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भी गंगाजल का उपयोग किया. जल संसाधन विभाग द्वारा कार्यान्वित गंगाजल आपूर्ति योजना से इन शहरों में भूजल पर निर्भरता समाप्त हुई है, जिससे क्षेत्र में भूजल स्तर में सुधार हुआ है. योजना में जल प्रबंधन की नई एवं आधुनिकतम तकनीकों का सफलतापूर्वक सदुपयोग किया गया है. इस योजना को मार्च 2023 में केंद्र सरकार की संस्था द्वारा 'जल संसाधन के सर्वोत्तम कार्यान्वयन' श्रेणी में प्रतिष्ठित 'सीबीआईपी अवार्ड 2022' दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि गंगा जल आपूर्ति योजना के पहले चरण में पटना जिले के मोकामा प्रखंड अंतर्गत हाथीदह में गंगा नदी के किनारे इनटेक वेल-सह-पम्प हाउस का निर्माण कराया गया है. वहां से मॉनसून सीजन में गंगा नदी के अधिशेष जल, जो हर साल यूं ही व्यर्थ चला जाता था, को लिफ्ट कर करीब 151 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के माध्यम से दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों राजगीर, गया और बोधगया तक पहुंचाया गया है. वहीं, अब योजना के दूसरे चरण में गंगाजल को राजगीर के डिटेन्शन टैंक में लगे 02 पम्प की सहायता से लिफ्ट कर, 700 एमएम व्यास के स्टील पाइप के माध्यम से 20 किमी दूर नवादा के निकट पौरा ग्राम में नवनिर्मित 36 एम.एल.डी. (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता के जलशोधन संयंत्र में पहुंचाया गया है. उक्त स्थल पर शोधित जल के भंडारण के लिए 36 एम.एल. (मिलियन लीटर) क्षमता की भूमिगत पानी टंकी और जल के वितरण के लिए पम्प हाउस का निर्माण कराया गया है. यहां से 600 से 300 एम.एम. व्यास वाली 13 किमी लंबी स्टील पाइपलाइन के माध्यम से नवादा शहर में जलापूर्ति की जायेगी. वर्तमान में नवादा शहर में बुडको द्वारा 4 पानी टंकी निर्मित है, जिसके माध्यम से शहर के 17 वार्डों के 13,965 घरों में गंगाजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. इस योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध गंगाजल की आपूर्ति का लक्ष्य है. इसके अलावा शहर के वर्तमान एवं निर्माणाधीन शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, होटलों, सरकारी कार्यालयों आदि को भी शुद्ध गंगाजल की आपूर्ति की जायेगी.