बिहार में अपराधियों की शामत आने वाली है क्योंकि नीतीश सरकार ने तैयारी कर ली है. जब से बिहार में सत्ता का परिवर्तन हुआ है तब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन में दिख रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने अब बिहार के अपराधियों की गतिविधियों पर विराम लगाने का नया तिकड़म ढूंढ लिया है. दरअसल, नीतीश कैबिनेट की बैठक में नए कानून के प्रारूप को मंजूरी दी गई है और अब इसी के साथ बिहार विधानमंडल के मौजूदा सत्र में इसे बिल के रूप में सदन में पेश किया जाएगा. बता दें कि, बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार, माफियाओं पर पूरी तरह नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.
भ्रष्टाचार से निपटने की तैयारी
बता दें कि, भ्रष्टाचार से जुड़े जिन मामलों को संगीन अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाता था. इस कानून में उन मामलों को गंभीर मानते हुए उस पर सख्त सजा का प्रावधान भी किया जाएगा. सरकारी राशि में गड़बड़ी, सरकारी पैसों का बंदरबांट करने वालों के लिए भी इस कानून में कड़ी सजा का प्रावधान होगा. बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद से नीतीश कुमार एक्शन के मूड में है. क्राइम-करप्शन के मुद्दे पर बिलकुल समझौता करने के मूड में नहीं हैं. बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक की गई.
कुल पांच मुख्य प्रस्तावों को स्वीकृति
इसी बैठक में भ्रष्टाचार और माफिया राज पर सख्त कार्रवाई करने के लिए लाए जाने वाले कानून के प्रारूप को स्वीकृति दी गई. जानकारी के मुताबिक, इस दौरान बैठक में कुल पांच मुख्य प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. बिहार में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पहले से ही तीन-तीन एजेंसियां काम कर रही हैं. इनमें आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई है. इन तीनों एजेंसियों के पास पहले से ही काफी शक्तियां हैं. सरकार इन जांच एजेंसियों की शक्तियां और बढ़ा सकती है. तो कुल मिलाकर देखें तो अपराध पर विराम लगाने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है. वहीं, सीएम नीतीश कुमार के इस फैसले को योगी मॉडल से भी तुलना की जा रही है.