मंगलवार के दिन बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती मनाई. एक समारोह के दौरान नेताजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. लेकिन, जैसे ही कार्यक्रम का समापन हुआ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसके बाद सीधे राजभवन पहुंचे. जहां उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. जिसके बाद सियासी गलियारे में हड़कंप सच गया. हर कोई बस यह जानना चाह रहे थे कि आखिरकार उनके बीच क्या कुछ बातचीत हुई. कयासों का बाजार पूरी तरह से गर्म हो गया था. उनके मुलाकात को पूरी तरह से सियासत से जोड़कर देखा जा रहा था. लेकिन, फिर खबर आई कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच कुलपतियों को लेकर चर्चा हुई. जी हां, क्या कुछ पूरी खबर है हम आपको विस्तार से बताते हैं.....
बिहार के छह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कर दी है. राज्यपाल सचिवालय ने मंगलवार की देर शाम इनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया. मुख्यमंत्री नीतीश के परामर्श के बाद राज्यपाल ने यह नियुक्ति की है. बता दें कि, राज्य में सितंबर, 2023 के तीसरे सप्ताह से ही सात विश्वविद्यालयों के कुलपति का कार्य प्रभार में चल रहा था. इनमें पटना विश्वविद्यालय को छोड़ अन्य में कुलपति की नियुक्ति कर दी गई है.
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्विद्यालय में प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय कुलपति बने हैं. यह सेंट्रल संस्कृत विश्वविद्यालय, केजे सोमैया कैंपस विद्या बिहार पूर्वी में प्रोफेसर सह निदेशक हैं. ललित नारायण मिथिला विवि के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी बने हैं. यह भागलपुर टीएनबी कॉलेज के प्रचार्य हैं. बीएन मंडल, मधेपुरा विवि के कुलपति प्रो. बिमलेंदु शेखर झा बने हैं. यह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में जूलॉजी विभाग के सेवानिवृत्त अध्यक्ष हैं.
वहीं, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय बने हैं. यह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शरद कुमार यादव बने हैं. यह उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं. जय प्रकाश विवि के कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार बाजपेयी बने हैं. यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के भौतिकी के प्रोफेसर हैं. बता दें कि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने मंगलवार को जब पहुंचे थे तब उनके साथ वित्त मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे. लेकिन, सीएम और राज्यपाल के बीच पूरे 40 मिनट तक मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद यह अहम फैसला लिया गया.