Daesh NewsDarshAd

बिहार : अब आर्थिक रिपोर्ट भी होगी जारी, नीतीश ने बुलाई है बैठक

News Image

बिहार सरकार ने हाल ही में हुए जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी कर दी है. इसको लेकर न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश की सियासत गरम है. और अब सरकार आर्थिक रिपोर्ट भी जारी कर सकती है.  मंगलवार को दोपहर में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए गणना की पहल में शामिल सभी 9 दलों की बैठक होगी. CM नीतीश ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. 

CM नीतीश ने बताया किन बातों पर होगी चर्चा ... 


मंगलवार अपराह्न साढ़े तीन बजे 9 सियासी दलों की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में वो सभी डालें शामिल हो रही है जो जाति गणना के पक्ष में रहे और सर्वे कराने का फैसला लिया. CM नीतीश ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि बैठक बुलाई गई है और इस बैठक में एक-एक चीजों का प्रेजेंटेशन दिया जाएगा. सभी राय लेकर आगे कदम उठाएंगे. जातीय गणना के साथ-साथ एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली गई है, उसकी रिपोर्ट भी जारी होगी. सबको लाभ मिले, इसको लेकर मीटिंग में एक-एक चीज को रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्ग के विकास एवं उत्थान के लिए आगे की कार्यवाई की जाएगी. बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर मंगलवार को बिहार विधानसभा के 9 दलों की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में जाति आधारित गणना के परिणामों से दलों को अवगत कराया जाएगा. 

भाजपा भी बैठक में लेगी हिस्सा 

जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर चर्चा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई बैठक में भाजपा भी शामिल होगी. बिहार विधानमंडल के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे. आधी-अधूरी रिपोर्ट जारी हुई है. BJP के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बताया कि सरकार को सामाजिक-आर्थिक गणना रिपोर्ट भी जारी करनी चाहिए. दरअसल, भाजपा ने इस रिपोर्ट को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. BJP ने इसकी त्रुटियों को गिनाया है. 

गौरतलब है कि अभी केवल राज्य के अंदर निवास करने वाली 215 जातियों की आबादी कितनी है, इसके बारे में बताया गया है. इनकी आर्थिक और सामाजिक स्थितियों की रिपोर्ट आनी बाकी है. सरकार का दावा है कि जाति गणना के आंकड़े उस समुदाय के लिए योजनाएं बनाने में मददगार होंगे. दूसरी ओर विपक्ष की पार्टियां जातियों की संख्या से इतर उनके आर्थिक, सामाजिक उत्थान की दिशा में ठोस पहल की मांग जोर दे रही हैं. 

CM ने किया ट्वीट 


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद बीते दिन ट्वीट करते हुए कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार से कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. इस कार्य लगी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई, पत्रकारों से बातचीत में CM ने प्रधानमंत्री के द्वारा अतिपिछड़ी जातियों के लिए विश्वकर्मा योजना लागू किए जाने और बिहार में अतिपिछड़ी जातियों की संख्या बढ़ने के सवाल पर कहा कि हमको ये सब पता नहीं है कि उनलोगों ने क्या लागू किया है. बिहार में हमलोग जितना काम किए हैं उतना आज तक कोई नहीं किया है. बिहार में किसी एक जाति नहीं बल्कि सभी जातियों के हित में काम आगे बढ़ेगा. वर्ष 2011 में केंद्र सरकार ने जनगणना कराई थी. इसके 10 वर्षों के बाद भी जनगणना नहीं हुई है.    

Darsh-ad

Scan and join

Description of image