बिहार सरकार में राजद कोटे से भूमि एवं राजस्व विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने 480 अधिकारियों के तबादले का निर्देश दिया था. जिसे कल ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया. जिसके बाद से बिहार की सियासत में मानो बवाल शुरू हो गया हो. लगातार एक बार फिर से ये खबरें सामने आ रही है कि राजद और जदयू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. वहीं, इन सभी विवादों के बीच अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही सब कुछ क्लियर कर दिया है. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि, कुछ लोगों के द्वारा सुनने में आ रहा था कि अधिकारियों का तबादला अनावश्यक ही रोक दिया गया है.
आगे सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, विभाग से जो कुछ भी शिकायत मिली थी, उसकी जांच की गई है. जांच के बाद अब नए सिरे से जो फ्रेश लिस्ट है, उसे जारी किया जायेगा. इस मामले में राजद, जदयू या कांग्रेस को तो कुछ बोलने की जरूरत ही नहीं है. साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि, उन्हें राजद के लोगों से ही इससे संबंधित सूचना मिली थी. सूचना मिलने के बाद जैसा हमें सही लगा हमने फैसला लिया और तबादले के आदेश को रद्द कर दिया. ट्रांसफर के नियमों को लेकर हमने उन्हें अवगत कराया है और अब फिर से नया लिस्ट जारी किया जायेगा.
बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के भूमि व राजस्व विभाग के मंत्री आलोक मेहता द्वारा किये गए अंचलधिकारी, एलआरडीसी के करीब 480 तबादलों को रद्द कर दिया है. इन सभी का तबादला 30 जून को किया गया था. ऐसी चर्चा थी की इन तबादलों के पीछे बड़े पैमाने पर लेन देन हुआ था. कई शिकायतें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंची थी. लेकिन, अब इस मामले में मुख्यमंत्री ने ही क्लियर जवाब दे दिया है. आपको बता दें कि, इससे पहले जब एनडीए की सरकार थी तब भी बीजेपी के रामसूरत राय इस विभाग के मंत्री थे. उनके द्वारा किये गए तबादलों को भी नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया था.