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CM नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लगा ग्रहण, दम तोड़ रहा बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट

CM Nitish's dream project eclipsed, Bihar's first floating s

सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट देख-रेख के अभाव में दम तोड़ रहा है. इस प्लांट में करीब पांच महीने से बिजली का उत्पादन ठप्प है. ऐसे में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट जिसमें नीचे मछली और ऊपर बिजली उत्पादन करने की जो दूरगामी योजना थी उसे ग्रहण लग रही है. दरअसल, पिपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत अंतर्गत सखुआ गांव के राजा पोखर में तैरता हुआ बिजली घर स्थापित किया गया. करीब 3 करोड़ की लागत वाली इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के स्थापना के बाद इसमें सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन भी शुरू किया गया. 

लेकिन, कुछ महीनों के बाद ही देखरेख के अभाव में इसमें खराबी आने लगी. जिससे यह प्लांट फिलहाल पांच महीने से बंद पड़ा हुआ है. आलम यह है कि, सरकार के जल जीवन हरियाली के तहत लाई गई इस दूरगामी योजना से न तो बिजली का उत्पादन हो रहा है और न ही मछली का. जबकि सरकार का उद्देश्य यह था कि सोलर फ्लोटिंग के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जाएगा और पोखर में मछली का उत्पादन भी होगा. ऊपर बिजली और नीचे मछली के उत्पादन के लक्ष्य के साथ राजा पोखर में स्थापित इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट में पिछले पांच महीने से बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है.

दरअसल, जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत सीएम नीतीश कुमार वर्ष 2020 में यहां आ चुके हैं. सीएम के द्वारा ही इस दूरगामी योजना की नींव रखी गई. पिपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत अंतर्गत सखुआ गांव के राजा पोखर पर इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का शिलान्यास के बाद इसकी स्थापना के लिए युद्धस्तर पर कार्य शुरू हुई और अगस्त 2022 में इस प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया. कहा गया कि, इस प्लांट से करीब 525 किलो वाट बिजली का उत्पादन शुरू हुआ. जिस बिजली को स्थानीय पावर सब स्टेशन में भेजा जाता है और वहां से जरूरत के हिसाब से बिजली का डिस्ट्रीब्यूशन आसपास के इलाके में किया जाने लगा.

खास बात यह है कि, स्थापना के महज कुछ महीने के बाद ही इसमें खराबी आने लगी. कहा गया है कि, 3 मार्च 2023 को इसमें खराबी आ गई. जिसके बाद इसे अब तक दुरुस्त नहीं किया जा सका है. मौके पर मौजूद मेंटेनेंस इंजीनियर ने कहा कि, पहले ट्रांसफार्मर में खराबी आई तो उसके लिए सूचना दी गई. अब एमसीबी की खराबी है इसके अलावा इसका डिजाइन भी चेंज करने की जरूरत है. खराबी की सूचना विभाग को दे दी गई है. जल्द ही इसे ठीक कर इससे बिजली का उत्पादन शुरू करवाया जाएगा. जाहिर सी बात है जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तो लोग सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की खूब सराहना कर रहे थे लेकिन, अब चूंकि यह पांच महीने से खराब पड़ा है. ऐसे में विभाग को चाहिए कि, इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द ठीक कराया जाए. ताकि इस दूरगामी योजना का लाभ आम लोगों को मिल सके.

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