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केंद्र के हलफनामे पर CM नीतीश का रिएक्शन, कहा- 'जातीय गणना से कुछ लोगों को है तकलीफ'

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बिहार में जातीय गणना का काम पूरा हो चुका है. कलेक्ट किये गए सभी डेटा को बस ऑनलाइन फीड करने का काम किया जा रहा है. इस बीच अब तब जातीय गणना का मामला सुप्रीम कोर्ट के इर्द-गिर्द घूम रहा है. कल ही इसे लेकर सुनवाई हुई. केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल किया गया. लेकिन, चंद घंटों में ही उसे वापस ले लिया गया और अब नया हलफनामा दायर किया गया है. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से दाखिल किये गए हलफनामे में कहा गया था कि, केंद्र सरकार ही जनगणना करा सकती है. वहीं, इस मामले में अब सीएम नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. 

दरअसल, सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि, वे जनगणना नहीं बल्कि गणना करा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि, जातीय गणना से कुछ लोगों को तखलिफ हो रही है जिसके कारण विरोध कर रहे हैं. लेकिन, यह काम बिहार के विकास के लिए किया जा रहा है. हम जनगणना नहीं गणना कराये हैं. इसमें आर्थिक स्थिति का डिटेल लिया गया है ताकि इससे जातिगत आर्थिक स्थिति का पता लग सके. उन्होंने 'इंडिया' गठबंधन को लेकर कहा कि, व्यक्तिगत रूप से मुझे कोई पद नहीं चाहिए. हमारा उद्देश्य है सभी दलों को एक करना. हमें पद की कोई लालच नहीं है. आने वाले दिन में देखिए होता है क्या.  

बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नालंदा खुला विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद रहे. इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 18 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिलान्यास किया था. इस विवि में एक लाख छात्रों का नामांकन है. इसके लिए 127 फेकल्टी है. जिसमें कई सेवानिवृत लोग भी फेकेल्टी हैं. अब परीक्षा के लिए दूसरे जगह सेंटर नहीं लेना पड़ेगा. एक साथ दो हजार छात्र परीक्षा दे सकेंगे. कंप्यूटर, भूगोल, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बोटनी, जुलोजी आदि लैब उच्च श्रेणी का है. जी प्लस टू की क्षमता वाले गर्ल्स होस्टल में 100 सीट और ब्वायज होस्टल 140 सीटों वाला है. इसका लाभ बाहर से आने वाले छात्रों को भी मिलेगा. साथ ही 24 कमरों वाला गेस्टहाउस भी है. 

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