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'CM Nitish फिर मारेंगे पलटी', जीतन राम मांझी ने परिस्थिति के मुताबिक किया बड़ा दावा

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देश में जैसे-जैसे लोकसभा का चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे तामाम राजनीतिक नेताओं के बीच गहमागहमी तेज होती जा रही है. बयानबाजियों का दौर तो जबरदस्त तरीके से शुरु हो गया है जो लगातार जारी है और खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कभी कहीं राम मंदिर को लेकर बयानबाजी देखी जा रही है तो कभी सरकार बदलने को लेकर बयानबाजी की जा रही है. इसके साथ ही राजनीतिक नेता कई तरह के दावे करने से भी नहीं चूक रहे हैं. इसी क्रम में हम पार्टी के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार के मुखिया नीतीश कुमार को लेकर बड़ा दावा कर दिया है. 

'फिर पलटी मारेंगे सीएम नीतीश'

दरअसल, जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा है कि परिस्थिति के अनुसार वे फिर पलटी मार सकते हैं. 14 जनवरी यानि कि खरमास के बाद नीतीश कुमार पलटी मार सकते हैं. इतना ही नहीं, इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसके पीछे की वजह भी जीतन राम मांझी ने बताई है और नीतीश कुमार की पुरानी बातों की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार पहले एनडीए का हिस्सा थे. फिर बहाना बनाकर महागठबंधन में आ गए तो तेजस्वी यादव पर चार्ज शीट होने पर उन्हें स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा और नहीं हुआ तो फिर वे एनडीए के साथ आ गए. आज भी वही स्थिति है. तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार पर चार्जशीट की बातें सामने आई हैं.

14 जनवरी के बाद हो सकता है खेला

जीतन राम मांझी इस दौरान इतने पर ही नहीं रुके बल्कि उन्होंने आगे यह भी कहा कि, एक तरफ लालू यादव का दबाव है और आरजेडी के लोगों का भी है कि नीतीश कुमार तेजस्वी को सत्ता सौंपेंगे, लेकिन नीतीश कुमार किसी भी परिस्थिति में अपना सीएम पद छोड़ने वाले नहीं हैं. तब एक विकल्प है कि 14 जनवरी के बाद या तो वह पलटी मारेंगे और एनडीए में जाना चाहेंगे, लेकिन वहां का दरवाजा बंद है, ऐसे में स्वतंत्र रूप से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कहेंगे और विधानसभा भंग कर सकते हैं. जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार को लग रहा है कि लोकसभा के चुनाव में अच्छी खासी सीट जीत जाएंगे. विधानसभा में भी अच्छी सीटें आएंगी और वे कार्यकारी सीएम के रूप में भी बने रहेंगे. राष्ट्रपति शासन भी नहीं लग सकता है. शायद ऐसा सोच कर वह विधानसभा भंग कर सकते हैं. विधानसभा भंग करेंगे तो अभी 18 महीने का समय है. विधानसभा का नियम होता है कि 6 महीने का वक्त रहता है तभी राष्ट्रपति शासन लगता है. कुल मिलाकर देखा जाए तो जीतन राम मांझी ने बड़ी भविष्यवाणी चुनाव से पहले कर दी है.  

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