पटना: बिहार में पेयजल की समस्या अब धीरे-धीरे अतीत बनने जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया विजन को जमीन पर उतारने के लिए एक नई पहल की है। इस पहल के तहत राज्य के 11 जिलों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की बड़ी योजनाओं की शुरुआत होने जा रही है। खास बात यह है कि इनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जहां पानी में आर्सेनिक और फ्लोराइड की मात्रा लंबे समय से गंभीर स्वास्थ्य खतरा बनी हुई थी। शुद्ध पेयजल की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री ने एक साथ 14 बहुउद्देशीय योजनाओं का शिलान्यास करने का निर्णय लिया है
आर्सेनिक-फ्लोराइड प्रभावित जिलों को मिलेगा सुरक्षित पानी
वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, पूर्णिया और कटिहार जैसे उत्तर बिहार के जिले लंबे समय से दूषित भूजल की समस्या से जूझ रहे हैं। हाल ही में कराए गए सर्वेक्षण में इन जिलों के कई गांवों में पानी की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित पाई गई। नीतीश सरकार ने इसे जनस्वास्थ्य से जुड़ी प्राथमिक चुनौती मानते हुए अब विशेष जलापूर्ति परियोजनाएं लागू करने का निर्णय लिया है।
फिट इंडिया मूवमेंट को मिलेगा नया आयाम
इस योजना के तहत प्रभावित क्षेत्रों के घर-घर में पाइपलाइन से शुद्ध पेयजल का कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल प्रधानमंत्री के फिट इंडिया मूवमेंट को मजबूती देगी बल्कि पानी से फैलने वाली बीमारियों पर भी पूर्ण नियंत्रण स्थापित करेगी। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों की जनता भी स्वस्थ व साफ जीवन जी पाएगी।
20 सालों में मिली बड़ी उपलब्धि
2005 से पहले स्थिति यह थी कि 11 जिलों में आर्सेनिक की अधिकता के कारण बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा था। बीते दो दशकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस समस्या से लड़ने के लिए लगातार प्रयास किए। जल बोर्ड और जलापूर्ति शाखा के गठन से लेकर आधुनिक तकनीक के जरिए पानी को शुद्ध करने तक, कई कदम उठाए गए। अब नई योजनाओं की शुरुआत से ग्रामीणों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
ग्रामीणों के लिए बनेगा वरदान
विशेषज्ञों के अनुसार, इन नई योजनाओं से लाखों-करोड़ों लोगों को सीधा फायदा होगा। स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक असर कम होंगे, बच्चों की कुपोषण संबंधी समस्याओं पर नियंत्रण होगा और ग्रामीणों को एक बेहतर और सुरक्षित जीवन जीने का मौका मिलेगा।