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क्या संकट में है I.N.D.I.A? अलका लांबा ने ऐसा क्या कहा जो AAP और कांग्रेस में ठन गई

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कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक के बाद अलका लांबा की ओर से सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ने के बयान के बाद राजनीतिक हलचल इतनी तेज हो गई कि प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने खुद इसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि बैठक में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई है. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि जनता से जुड़े मुद्दे पर चाहे केजरीवाल हों या मोदी, हम दोनों का विरोध करेंगे और इसे जनता तक भी ले जाएंगे, ताकि जनता को हकीकत का पता चल सके.

अलका लांबा के बयान के बाद बड़ी सियासी हलचल

बुधवार को अगले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ दिल्ली के सभी सीनियर नेताओं की बैठक हुई. बैठक के बाद मीडिया में अलका लांबा के दिए बयान के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया. लेकिन, इस बैठक को लेकर एनबीटी के साथ बात करते हुए दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि संगठन को लेकर यह बैठक थी. जिसमें सभी को साथ मिलकर काम करने, जमीन पर जनता के साथ जुड़ने को कहा गया. उन्होंने साफ कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कोई चर्चा मीटिंग में नहीं हुई थी.

'दिल्ली इकाई के नेताओं को देना था मेसेज'

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मीटिंग का मकसद दिल्ली इकाई के नेताओं को एक यूनिट की तरह काम करने का मेसेज देना था. इसलिए सभी प्रमुख नेताओं को बैठक में बुलाया गया था और लगभग सभी इसमें शामिल भी हुए थे. दीपक बाबरिया ने कहा कि प्रजा की पीड़ा हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. जनता को परेशानी होगी तो हम आवाज उठाएंगे, चाहे मोदी हो या केजरीवाल हो. उन्होंने कहा कि अभी जब बाढ़ आई तो कांग्रेस ने ही रसोई चलाई, मुआवजे के लिए फॉर्म भरवाए, लेकिन अभी तक मुआवजा दिल्ली सरकार ने नहीं दिया है.

बाबरिया ने कहा कि जनता महंगाई से परेशान है. हमारी राजस्थान की सरकार अपनी जनता को 500 रुपये में गैस सिलिंडर मुहैया करा रही है, तो दिल्ली सरकार अपनी जनता को यह सुविधा क्यों नहीं दे सकती. हम जनता की आवाज उठाते रहेंगे. जहां तक गठबंधन की बात है तो यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व का है.

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