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चुनावी जाल में फंसा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निर्माण, अब तक बाउंड्री भी नहीं बनी

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2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, बक्सर वासियों को बिहार सरकार ने एक बड़ी सौगात दी थी. जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर पूरब शहनाई के जादूगर के नाम से विख्यात उस्ताद विस्मिल्ला खां के जन्म स्थली डुमरांव शहर के पशु प्रजनन प्रक्षेत्र (हरियाणा फार्म) में 515 करोड़ की लागत से 500 बेड का मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का शिलान्यास भारत सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा किया गया था. उस समय इलाके के लोगों को इस बात की जानकारी दी गई थी कि यह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल केंद्र सरकार के सहयोग से बिहार सरकार बनवा रही है जो 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा. यह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल शाहाबाद के साथ ही साथ उत्तरप्रदेश के लिए वरदान साबित होगा, जहां बच्चे पढ़ कर देश-विदेश में अपना सेवा देंगे.

डुमरांव शहर में जिस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को वर्ष 2021 में ही बनकर तैयार हो जाना था. उसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का शिलान्यास बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के दो माह बाद दूसरी बार 21 अक्टूबर 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा किया गया. उस समय जल्द ही इस मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ हॉस्पिटल में इलाज शुरू होने का दावा किया गया था लेकिन 5 साल का समय गुजरने वाला है और अब तक 25 एकड़ के उस भूखंड पर हॉस्पिटल बनना तो दूर सरकार बाउंड्री तक भी नहीं करा पाई.

डुमरांव के हरियाणा फार्म स्थित पशु प्रजनन प्रक्षेत्र में मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बनाने के लिए स्थल का चयन किया जा चुका है. चयन के बाद उसे रेखांकित भी कर दिया गया है. साथ ही पशुपालन विभाग ने जमीन का एनओसी भी दे दिया है. सारी बाधाओं को पार करने के बाद भी केवल कागजों पर ही इस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निर्माण कार्य सरपट दौड़ लगाता रहा. 

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जब इसका शिलान्यास किया था. उस दौरान स्थानीय लोगों को इस बात की जानकारी दी गई थी कि केंद्र सरकार के सहयोग से इस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निर्माण कार्य 2021 तक पूरा कराया जाएगा. लेकिन, जब बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास दूसरी बार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मिलकर किया तो उस समय यह बताया गया कि विशुद्ध रूप से यह बिहार सरकार का फंड है और बिहार सरकार ही इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को बनवा रही है. लेकिन, किसी भी सरकार के द्वारा 5 साल में इस भूखंड का बाउंड्री तक भी नहीं कराया गया. एक बार फिर दोनों सरकारें 2024 में लाभ लेने की कवायद में जुट गई है और इसे 2025 तक बनवाने का दावा कर रही हैं.

5 साल में भी इस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का बाउंड्री तक नहीं होने का सवाल जब महागठबंधन के स्थानीय विधायक अजीत कुमार सिंह से पूछा गया तब उन्होंने दावा किया कि 2025 तक काम पूरा हो जाएगा और इसमें केंद्र सरकार का कोई अनुदान नहीं है. गौरतलब है कि, 2024 के लोकसभा चुनाव को सर पर देख एनडीए एवं महागठबंधन के नेता एक बार फिर इस मेडिकल कॉलेज का नाम लेकर जनाधार हासिल करने में लगे हुए हैं. भले ही 5 साल में बिल्डिंग बनाना तो दूर सरकार उसका बाउंड्री तक भी नहीं करा पाई. ऐसे में नेताओं के वादे पर जनता कैसे भरोसा करे.

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