Daesh NewsDarshAd

पटना डीएम और केके पाठक के बीच गहराया विवाद, मुख्य सचिव को चन्द्रशेखर सिंह ने लिखा पत्र

News Image

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जब से छुट्टी के बाद काम पर वापसी की है तब से एक बार फिर गहमागहमी का माहौल कायम हो गया है. खासकर पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह के साथ बच्चों की छुट्टियों को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. बता दें कि, प्रदेशभर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पर रही है. जिसको देखते हुए पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह ने कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल बंद रखने का ऐलान कर दिया. लेकिन, पटना के डीएम का यह फैसला एसीएस केके पाठक को नागवार गुजरा. केके पाठक ने सभी क्लास के बच्चों के स्कूल को खोलने को लेकर सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी करवाया था. लेकिन इसके बावजूद पटना के डीएम ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया. 

गहराता जा रहा वाद-विवाद

जिसके बाद से जो वाद-विवाद शुरु हुआ है, वह थमने का नाम ही नहीं ले रहा. पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने बुधवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिखा है. इस पत्र में जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की शिकायत की है. पटना डीएम ने मुख्य सचिव से स्कूल बंद रखने के आदेश के बावजूद खोले जाने पर हस्तक्षेप और जांच कर समाधान निकालने की अपील की है. वहीं, इन पत्रों का आदान-प्रदान उस दिन हुआ जब राज्य की राजधानी से पटना से बमुश्किल 70 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर जिले में 10 साल के एक स्कूली लड़के की मौत हो गई जिसके लिए परिवार के सदस्यों ने सर्द मौसम को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की.

भीषण ठंड के कारण आदेश किया जारी

पटना के जिलाधिकारी ने मंगलवार को आदेश दिया कि जिले में भीषण ठंड की स्थिति के कारण राजधानी में प्राथमिक स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र और कोचिंग सेंटर सहित कक्षा आठवीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूल गुरुवार तक अगले दो दिनों के लिए बंद रहेंगे. बुधवार को पटना का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि अधिकतम तापमान 13.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले चन्द्रशेखर सिंह ने मंगलवार शाम जारी अपने आदेश में कहा-‘आदेश का कोई भी उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड का भागी होगा.’ जिलाधिकारी ने अपने पिछले पत्र में विभाग को पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि, आठवीं तक की कक्षाओं को निलंबित करने से संबंधित आदेश दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जिला दंडाधिकारी, पटना की अदालत द्वारा पारित किया गया था. ऐसा आदेश पारित करने से पहले संबंधित विभाग से अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है.

मुख्य सचिव को लिखा पत्र

पटना के जिलाधिकारी ने बुधवार को बिहार के मुख्य सचिव से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए उनको लिखे पत्र में कहा, ‘बेहतर प्रशासनिक कार्यप्रणाली के लिए सरकार के दो अंगों के बीच पत्रों के निरंतर आदान-प्रदान को रोका जाना चाहिए. प्रशासन के प्रत्येक अंग की भूमिका और कार्यक्षमता को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है... और इसका सम्मान किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि, मुख्य सचिव को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और उचित समाधान निकालना चाहिए. वहीं, अब देखने वाली बात होगी कि पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह के द्वारा लिखे गए इस पत्र को लेकर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की ओर से क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है.

Darsh-ad
Darsh-ad
Darsh-ad

Scan and join

Description of image