Bhagalpur -केंद्र और राज्य सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस का लाख दावा कर ले, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करता है. इसका एक उदाहरण भागलपुर नगर निगम के कर्मियों की कार्यशैली को लिया जा सकता है.
यहां के नया बाजार रायगोपाल सरकार लेन निवासी रंजीत शर्मा और आरती शर्मा के पुत्र कृष का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के संबंधित है.जब आरती देवी अपने पुत्र का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने भागलपुर नगर निगम कार्यालय पहुंची, तो उससे कार्यालय में तैनात कर्मचारी सुमित यादव ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 700 रूपया के जगह बढ़ाकर 2500 रुपया लिया,महिला को जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए महीनो कार्यालय का चक्कर लगवाया, काफी दिन बीत जाने के बावजूद जब प्रमाण पत्र नहीं बना तो महिला के परिजन नगर निगम कार्यालय पहुंचे और कर्मचारी सुमित यादव को पड़कर धक्का मुक्की करते हुए हंगामा करने लगे, हंगामा बढ़ता देखना नगर निगम के कर्मचारियों ने 1 दिन के भीतर जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने का भरोसा दिलाते हुए हंगामा कर रहे लोगों को वापस भेजा.
आरोपी कर्मचारियों ने अपने सीनियर के सामने स्वीकार किया कि उसने अधिक पैसे लिए और सर्टिफिकेट भी नहीं बनवाए इसके बावजूद भी उसे पर किसी तरह की कार्रवाई करने के बजाय सीनियर अधिकारी बीच बचाव करते हुए दिखे.
भागलपुर से अजय शर्मा की रिपोर्ट