भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दरम्यान अपने भाषण में कितनी बार भगवान और धर्म का जिक्र किया है। राम मंदिर से लेकर सांप्रदायिक भावना को भड़काने के लिए खुलेआम हिंदू-मुस्लिम का आह्वान किया। सातवें चरण का चुनाव आते-आते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब खुद को ईश्वर द्वारा भेजा गया प्रतिनिधि घोषित कर दिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री के इन गंभीर चुनावी कदाचारों पर आंखें मूंद ली हैं और आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) की पवित्रता बनाए रखने में विफल रही है।भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (इसीआई) को इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए कि लोग न केवल सरकार बदलने के लिए मतदान कर रहे हैं, बल्कि देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने की रक्षा करने के लिए भी मतदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सातवें चरण के चुनाव में बिहार की आठ सीटों पर होने वाले चुनाव में महागठबंधन काफी मजबूत स्थिति में है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर एनडीए के सभी नेता परेशान हैं। प्रधानमंत्री लंबित संचिकाओं को निपटाने में लगे हुए हैं। क्योंकि उन्हें मालूम हो गया है कि भाजपा की सत्ता से चार जून को विदाई हो रही है।