Patna- बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी अपने बयानों की वजह से बुरी तरह फस गए हैं उन्हें विपक्षी दलों के साथ ही अपने दलों के नेताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है. पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है यही वजह है कि अशोक चौधरी अब सफाई दे रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने किसी खास जाति के खिलाफ कुछ नहीं बोला है, जबकि सत्ता और विपक्ष के भूमिहार समाज के नेता अशोक चौधरी के बयान की चौतरफा निंदा कर रहे हैं.
बताते चलें कि इस बार लोकसभा चुनाव में जहानाबाद से जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर चंद्रवंशी की हार हो गई थी और वहां अशोक चौधरी प्रभारी थे. उस चुनाव की चर्चा करते हुए अशोक चौधरी ने भूमिहार समाज को जमकर कोसा था. मंत्री अशोक चौधरी ने कहा था कि मैं भूमिहार जाति को अच्छे से जानता हूं. जब लोकसभा चुनाव हुआ तो इस जाति के लोग नीतीश कुमार का साथ छोड़ कर भाग गये. ये लोग अपनी जाति के सांसद को तो पाक साफ करार देते हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में हमारे उम्मीदवार का विरोध किया.
अशोक चौधरी के इस बयान का नीतिश सरकार के डिप्टी सीएम और भूमिहार समाज के नेता विजय सिन्हा ने विरोध जताया है. और सरकार में रहते हुए संभाल कर बयान बाजी करने की नसीहत दी है. वहीं जेडीयू के वरीय नेता और पूर्व मंत्री जगदीश शर्मा ने अशोक चौधरी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जहानाबाद बेहद संवेदनशील जगह है. वहां काफी कोशिशों के बाद जातीय तनाव खत्म हुआ है. अशोक चौधरी अब फिर से जातीय हिंसा फैलाना चाह रहे हैं. सरकार इस बात को समझे कि अगर फिर कुछ हुआ तो उसके जिम्मेवार सिर्फ अशोक चौधरी होंगे. उन्हें कोई राजनीतिक समझ नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जाकर पूछना चाहिये कि उन्हें सीएम बनाने में भूमिहारों ने कितनी मदद की है.
वही अशोक चौधरी के बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि अशोक चौधरी जातीय तनाव फैलाना चाहते हैं. उन्हें भूमिहार समाज के युवाओं में बेरोजगारी पर चर्चा करनी चाहिए. वही सीएम नीतीश कुमार के खास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि अशोक चौधरी के बयान निजी है. सरकार और जेडीयू से उसका कोई मतलब नहीं है नीतीश कुमार सभी जातियों को साथ लेकर चलने वाले नेता हैं.