बिहार सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों को बेहतर करने के प्रयास में लगी है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक रोज कोई न कोई फरमान जारी करते हैं, कभी शिक्षकों के लिए तो कभी अधिकारियों के लिए. अब स्कूलों के लिए एक और नया फरमान जारी हुआ है. जी जहां, लेकिन इस बार जो खबर हम आपके लिए लाए हैं, वो थोड़ा हट के है. इस बार बिहार के स्कूलों में मिड डे मील की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर संचालन के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत अब शिक्षा विभाग द्वारा डेटा एंट्री ऑपरेटर की बहाली की जाएगी. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पहले ही इसकी घोषणा की थी. अब उसपर कार्यवाई शुरू हो गई है.
योजना के निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि मिड-डे मील योजना के तहत मानदेय पर डेटा एंट्री ऑपरेटर नियुक्त होंगे. उन्हें 16 हजार रूपए का मानदेय दिया जाएगा. इसके लिए 9 से 12 अगस्त तक अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा और इंटरव्यू का आयोजन किया जाएगा. मिड-डे मील योजना निदेशालय परिसर में टाइपिंग टेस्ट लिया जाएगा. राज्य के सभी प्रखंडों में इनकी तैनाती की जाएगी.
बिहार के सरकारी मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को दोपहर का खाना खिलाया जाता है. कई स्कूलों में खाना बनाया जाता है तो कुछ स्कूलों में एजेंसी के माध्यम से बच्चों को खाना खिलाया जाता है. मिड-डे मील में बार-बार गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती हैं. कई मामलों में बच्चों की जान भी चली गई है. इनमें सुधार के लिए निदेशालय की ओर से पहल की गई है.
सरकार लगातार सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने की दिशा में प्रयास कर रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूलों के निरीक्षण पर जोर दिया है साथ ही शिक्षकों के अलावा अधिकारियों को निर्देश देते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं सरकार भी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की दिशा में पहल कर रही है. कहा जा रहा है कि इसी सप्ताह मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया जाएगा, जो तय करेगी कि निजोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिले या नहीं.