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पैतृक गांव पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर, नम आंखों से दी गई विदाई

 Dead body of jawan reached native village

खबर छपरा से है जहां परसा प्रखंड क्षेत्र के मुजौना पंचायत स्थित कोहरा मठिया गांव के एक सैनिक की मौत हो गई. जिसके बाद जवान का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचते ही लोगों की आंखें नम हो गई. पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान को अंतिम विदाई दी गई. बताया जा रहा है कि, जवान संतोष बैठा की एक माह पूर्व से ही तबीयत खराब थी. वहीं, उपचार के दौरान ही नागालैंड के सिकोवि हॉस्पिटल डीमापुर में उनका निधन हो गया.

बीडीसी नितिन कुमार ने बताया कि, उनके चाचा का ड्यूटी के दौरान एक माह पूर्व पेट में दर्द के बाद अचानक तबीयत खराब होने लगी थी. जिसके बाद उन्हें असम राइफल्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां शनिवार को उपचार के दौरान उनका निधन हो गया. सैनिक संतोष बैठा का पैतृक गांव कोहरा में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. जहां बिहार रेजीमेंट दानापुर के जवानों ने अपने साथी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया व 5 राउंड फायर कर सलामी देकर अंतिम विदाई दी.

सैनिक के पुत्र आयुष कुमार ने मुखाग्नि दी. परिजनों के अनुसार संतोष बैठा की 25 वर्ष पूर्व किरण देवी के साथ शादी हुई थी, जिनके दो बेटी निशा कुमारी, निभा कुमारी व एक बेटा आयुष कुमार हैं. संतोष बैठा के निधन की सूचना पर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. गांव के लोगों ने अपने लाडले को नम आंखों से भारत माता के जय घोष व संतोष बैठा अमर रहे के नारों से अंतिम विदाई दी.

बता दें कि, संतोष बैठा का 1998 में विवाह हुआ था और 1998 में ही उन्हें पांच असम राइफल में सैनिक के पद पर पोस्टिंग मिली थी. राइफलमैन संतोष बैठा अपने पीछे माता मरसिया देवी, पिता गौतम बैठा, पत्नी और दो बेटी व एक मासूम बेटे छोड़कर दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह गए. संतोष महतो की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. पत्नी किरण देवी और बेटा व बेटी का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं, अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले लोग उन्हें ढांढस बंधाकर साथ देने का भरोसा भी दे रहे हैं.

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