जैसे-जैसे ठंड का मौसम आने वाला है वैसे-वैसे प्रदूषण भी बढ़ने लगा है. हालात ऐसे हैं की देश की राजधानी दिल्ली में सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है. हर साल अक्टूबर-नवंबर महीने में प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो जाता है जिससे कई लोग बीमार होते जा रहे हैं. आए दिन सांस संबंधी मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जा रहा है.
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में पहली बार धुआं छाया रहा. हवाओं की दिशा बदलने के साथ पराली और अन्य कारणों की वजह से स्मोक राजधानी में आ रहा है. अगले दो से तीन दिनों तक स्थिति स्मोक वाली ही रह सकती है. ऐसे में लोगों की परेशानियां और बढ़ सकती हैं. सुबह की तुलना में शाम को स्मोक की वजह से हालात अधिक बुरे हो गए. तीन बजे के बाद स्मोक की वजह से विजिबिलिटी भी कम होने लगी. साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, घुटन, थकावट, सांस में तकलीफ आदि की समस्या भी होने लगी. लोगों का बाहर रहना मुश्किल हो रहा था.
मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार, सुबह के समय भी स्मोक था, लेकिन इसका असर कम था. शाम होते-होते स्मोक बढ़ने लगा. इसकी वजह से विजिबिलिटी भी कम हो गई. हवाओं की कम गति के साथ बदली दिशाओं की वजह से भी स्मोक दिल्ली में पहुंच रहा है. अगले दो से तीन दिन हालात ऐसे ही बने रहने की संभावना है.
कहां कितनी खराब रही हवा?
सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के एयर बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई 359 तक पहुंच गया. इस सीजन में पहली बार एक्यूआई 350 से ऊपर पहुंचा है. बहादुरगढ़ में यह 378, भिवानी में 328, फरीदाबाद में 320, ग्रेटर नोएडा में 375, जींद में 375, कैथल में 356, नोएडा में 329, सोनीपत में 382 रहा. राजधानी में पांच जगहों पर प्रदूषण का स्तर गंभीर रहा. इनमें नॉर्थ कैंपस का 407, रोहिणी का 419, वजीरपुर का 409, मुंडका का 432 और आनंद विहार का 422 रहा. अधिकांश जगहों पर यह बेहद खराब ही रहा.
आने वाले दिनों में हवा रहेगी जहरीली
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 1 से 3 नवंबर तक प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में रहेगा. इसके बाद अगले छह दिनों तक यह बेहद खराब स्तर में ही बना रहेगा. मंगलवार को नॉर्थ और नॉर्थ ईस्ट दिशा से हवाएं आईं. इनकी गति भी काफी कम रही.
दिन भर में किस तरह बढ़ा AQI
समय AQI
सुबह 8 बजे 349
सुबह 9 बजे 350
सुबह 10 बजे 349
दोपहर 12 बजे 353
दोपहर 2 बजे 355
शाम 4 बजे 359
शाम 6 बजे 364
इसे स्मॉग क्यों नहीं कहा जा सकता?
मौसम विभाग के अनुसार, इस समय मौसम में बहुत अधिक नमी नहीं है. कोहरा भी नहीं है. कल से काफी हल्का कोहरा रह सकता है. जब कोहरे के साथ स्मोक मिलता है तो उसे स्मॉग कहते हैं. लेकिन अभी जो राजधानी में धुंधलापन है, वह सिर्फ धुआं है. इसमें फॉग शामिल नहीं है.
इस अक्टूबर एक भी दिन नहीं मिली साफ हवा
प्रदूषण की शुरुआत अक्टूबर से होती है. इस बार पिछले दो सालों की तुलना में अक्टूबर अधिक प्रदूषित रहा है. महीने के 18 दिन प्रदूषण तय मानकों से अधिक रहा. वहीं एक भी अच्छे स्तर का दिन राजधानी को नहीं मिला. संतोषजनक स्तर का दिन भी एक ही मिला. सेंट्रल पल्युशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के मिले डेटा के से यह बात साफ हुई है. इस बार अच्छे से सामान्य दिनों की संख्या महज 13 रही. 2021 और 2022 में बारिश की वजह से अच्छे स्तर की हवा वाले दिन राजधानी को मिले थे. 2022 और 2021 में क्रमश 129 और 123 एमएम बारिश अक्टूबर में हुई थी. जबकि इस बार महज एक दिन 5.4 एमएम बारिश हुई है. सीपीसीबी एयर क्वॉलिटी लैब के पूर्व हेड व पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. दिपांकर साहा ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की कई वजह हैं. यहां पर नॉर्थ-वेस्टर्न रीजन की धूल भी प्रदूषण बढ़ा रही है। हवा के खराब होने की वजह मौसम के साथ लोकल भी हैं. इसमें पराली व अन्य कारण मिलकर प्रदूषण को बढ़ा देते हैं. प्रदूषण अक्टूबर के मध्य से शुरू होकर फरवरी के अंत तक बना रहता है. इस अक्टूबर में बारिश की भी कमी रही.
अक्टूबर के दिनों क्या रहा हाल
सीएक्यूएम का दावा दस महीने सबसे साफ
सीएक्यूएम ने दावा किया है कि इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 10 महीने पिछले छह सालों में सबसे साफ रहे हैं. इन महीनों के दौरान राजधानी का औसत एक्यूआई 172 रहा है. जबकि 2022 में यह 187, 2021 में 179, 2020 में 156, 2019 में 193 और 2018 में 201 था. बारिश, हवाओं की गति और पराली के मामलों में कमी की वजह से ऐसा हुआ है. लॉकडाउन की वजह से इसमें साल 2020 शामिल नहीं है.