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केके पाठक की तमाम कोशिशों के बावजूद शिक्षा विभाग की खुली पोल, आश्चर्य करने वाला रिपोर्ट आया सामने

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बिहार में शिक्षा विभाग की कमान जब से केके पाठक ने संभाली थी, तब से वह लगातार सभी सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिती को पटरी पर लाने की कोशिश में जुटे रहे. बिहार के शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ बनाने को लेकर अब तक कितने शिक्षक और अधिकारी नप गए. लेकिन, केके पाठक के इन तमाम एक्शन्स के बावजूद एक बड़ा खुलासा हो गया है. बता दें कि, राज्य के करीब 40 हजार स्कूलों का हर रोज भौतिक निरीक्षण किया जा रहा है. स्कूलों से बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित शिक्षकों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. इससे शिक्षकों की स्कूलों में मौजूदगी पहले की अपेक्षा काफी सुधरी है.

125 से अधिक शिक्षक बिना सूचना गायब

लेकिन यहां आश्चर्य करने वाली बात यह है कि, इसके बावजूद पूरे राज्यभर में हर रोज औसतन 125 से अधिक शिक्षक बिना सूचना के निरीक्षण के दौरान गायब मिल रहे हैं. बता दें कि, जिलों से शिक्षा विभाग को प्राप्त रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. वहीं, इस रिपोर्ट को लेकर शिक्षा विभाग काफी गंभीर भी है. खबर की माने तो, बिहार के स्कूलों में पदाधिकारी और कर्मचारी एक जुलाई, 2023 से नियमित रुप से निरीक्षण कर रहे हैं. अब तक बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले 18 हजार शिक्षकों पर गाज गिर चुकी है. इनके वेतन काटने की अनुशंसा भी की गई है. इनमें से करीब 15 हजार शिक्षकों का वेतन काटा गया है और शेष पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.

शिक्षा विभाग को सौंपा जाता है रिपोर्ट

यह भी कहा जा रहा कि, विभाग के निर्देश पर सभी जिलों में प्रतिदिन औसतन 40 हजार स्कूलों में पदाधिकारी-कर्मी जाकर वहां की गतिविधियों की जानकारी लेते हैं और लिखित रिपोर्ट अपने जिले में देते हैं. स्कूलों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन, परिसर और शौचालय की साफ-सफाई और शैक्षणिक गतिविधि का जायजा निरीक्षण के दौरान लिया जाता है. जिलों के माध्यम से इन तमाम गतिविधियों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी जाती है. बताया जा रहा कि, राज्य के कुछ स्कूलों में एक दिन में दो-दो बार निरीक्षण किया जा रहा है. ताकि, यह भी जानकारी मिल सके कि शिक्षक समय पर आते हैं और अंत तक रहते हैं.

जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी

खबर की माने तो, लगातार लंबे समय तक अनुपस्थित रहने पर निलंबन और बर्खास्तगी भी की जाती है. छह महीने से कम दिनों तक गायब 134 शिक्षकों को अब-तक निलंबन का आदेश जारी हुआ है. इनमें से 34 शिक्षकों को निलंबित भी किया जा चुका है, शेष पर जल्द ही कार्रवाई का निर्देश नियोजन इकाइयों को दिया गया है. वहीं, छह महीने से अधिक दिनों से गायब 153 शिक्षकों के निलंबन की अनुशंसा की गई है. विभाग ने लम्बे समय से बिना सूचना के गायब 419 शिक्षकों की बर्खास्तगी का निर्देश है, जिनमें अभी तक 13 पर यह कार्रवाई की गई है. विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति शत प्रतिशत करने का भी आदेश दिया है. बता दें कि, बिहार के तमाम सरकारी स्कूलों में पहले से ज्यादा सख्ती बरती जा रही है लेकिन इसके बावजूद हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. खैर, केके पाठक अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं, ऐसे में अब शिभा विभाग की क्या कुछ स्थिती होती है, देखने वाली बात होगी.

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