खबर मोतिहारी से है जहां के चकिया थाना क्षेत्र के कल्याणपुर प्रखंड स्थित मनीछपरा पंचायत का माधोपुर गोविन्द गांव जो मोर गांव के नाम से पूरे राज्य मे चर्चित हो चुका है, आज भी अपने विकास की राह टकटकी लगाए देख रहा है. मनीछपरा पंचायत के मुखिया गुड्डू सिंह बताते हैं कि, 2012 में अपनी सेवा यात्रा के दौरान ग्रामिणों के विशेष अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोर गांव पहूंचे थे. वहीं उन्होंने गांव का भ्रमण किया था और मोर गांव को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी. तब लोगों में गांव के विकास को लेकर एक उम्मीद जगी थी.
लेकिन, इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव का विकास नहीं होने से ग्रामिणों में मायूसी है. गांव के बुजूर्ग रामाश्रय सिंह बताते हैं कि, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मुख्य वन संरक्षक एवं पक्षी विशेषज्ञों ने मनीछपरा गांव का दौरा भी किया था. वहीं, लोगों को इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. लेकिन, आज तक कोई पलटकर नहीं आया. सीएम नीतीश कुमार वर्ष 2012 में जब आए थे तो हमारे गांव में 200 से ऊपर मोरों की संख्या थी लेकिन ना जाने किसकी नजर लग गई कि यह राष्ट्रीय पक्षी विलुप्त होने के कगार पर आ गया है.
बता दें कि, माधोपुर गांव में पर्यटन की असीम संभावना है और सरकार को इस मामले में गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. जिससे मोर गांव पर्यटन के रूप में विकसीत हो सके. साथ ही साथ सूखे पड़े जलाशयों को मनरेगा या कोई और योजना से तैयार करा कर जिसमें सालों भर मोर को पानी पीने के लिये मिले तो मोर इधर-उधर नहीं भटक कर जाएगा और उसकी सुरक्षा भी हो जाएगा और मोर की संख्या भी एकबार फिर से बढ़ने लगेगी.
दर्श न्यूज के लिए मोतिहारी से प्रशांत कुमार की रिपोर्ट