जब कोई हत्या, डकैती जैसी बड़ी वारदात होती है, तब वहां मामले की गहनता से जांच व एविडेंस के लिए डॉग स्क्वायड की टीम क्राइम सीन पर पहुंचती है. इसमें डॉग स्क्वायड में शामिल डॉगी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में मुजफ्फरपुर जिले के डॉग स्क्वायड के शामिल डॉगी माला ने इतना बेहतर योगदान दिया, जिसको लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा इसे पुरस्कृत किया जाएगा. दरअसल, पूरे बिहार में चर्चित पारू कांड, जिसमें 5 लोगों ने मिलकर छात्रा को मार डाला था, समेत कई अन्य मामलों में अपराधियों को सलाखों तक पहुंचाने वाली डिटेक्टिव डॉगी माला की तारीफ खूब हो रही है.
मुजफ्फरपुर पुलिस ने उसे पुरस्कृत करने के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है. डॉगी माला एक साल पहले मुजफ्फरपुर डॉग स्क्वैड टीम में शामिल हुई. मुजफ्फरपुर के पहले पटना डॉग स्क्वायड टीम में वो अपनी सेवा दे रही थी. डॉगी माला के हैंडलर पंकज महथा ने लोकल 18 को बताया कि चर्चित पारू कांड के खुलासे में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. इसके अलावा कई अन्य घटनाओं के खुलासे में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इसे सुविधा के अनुसार तिरहुत रेंज के 4 जिलों मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली तक भेजा जाता है.
तुर्की थाने के छाजन गांव में हुए यूट्यूबर गौरव कुमार की हत्या कर शव पेड़ से लटका दिया गया था. डिटेक्टिव डॉगी माला घटना में इस्तेमाल गमछे को सूंघकर अपराधियों के घर पहुंच गई थी. वहीं सदर थाने की सहजानंद कॉलोनी में हुए जयप्रकाश हत्याकांड में भी डॉगी माला ने महत्वपूर्ण सुराग दिया था. उसी सुराग के बल पर पुलिस ने घर को चिह्नित कर सीसीटीवी फुटेज से घटना में शामिल आरोपियों की पहचान की थी.