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बक्सर में ताकत दिखायेंगे दीपांकर भट्टाचार्य, मिशन 2024 के लिए पेश करेंगे दावेदारी

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2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजनीतिक पार्टी के नेता सीटों का गुणा गणित बैठाना शुरू कर दिए हैं. महागठबंधन में शामिल जदयू को छोड़कर राजद, कांग्रेस और माले ने बक्सर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. दो दिन पहले ही कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष के सम्मान समारोह के बहाने कांग्रेस अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है. जिसके बाद माले के डुमरांव विधायक ने भी बक्सर लोकसभा सीट पर पार्टी की दावेदारी पेश कर महागठबंधन के गांठ को ढीला कर दिया है. इसी क्रम में शहर के नगर भवन में आज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टचार्या विपक्षियों के साथ सहयोगियों को भी अपनी ताकत और जनाधार से रूबरू कराएंगे.

माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के सम्मेलन को सफल बनाने के लिए माले के एक-एक कार्यकर्ता गांव-गांव में घूम-घूमकर बक्सर वासियों को निमंत्रण पत्र बांट रहे हैं. अपने बिखरे हुए साथियों को एकजुट कर एक मंच पर लाने के लिए पिछले 15 दिनों से 44 डिग्री पारा में खूब पसीने बहा रहे हैं. अपने ही गठबंधन के अपने ही सहयोगी के सियासी दांवपेंच देख महागठबंधन के कई दलों में अभी से ही घबराहट है कि कहीं बक्सर का सीट उनके हाथ से ना निकल जाए. कहा यह जा रहा है कि, सरकार में बिना शामिल हुए महागठबंधन को बाहर से सहयोग करने वाले माले के नेता अब आर-पार के मूड में है और लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मनपसंद के आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. जिसका घोषणा भी आज होगा.

गौरतलब है कि, महागठबंधन के साथी माले के इस महासम्मेलन पर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही हैं. महागठबंधन के सहयोगी राजद, जदयू, कांग्रेस की भी नजर है. जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे ने बिहार सरकार का मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर महागठबंधन के गांठ को कमजोर कर दिया है. वहीं, माले के इस महासम्मेलन से विपक्षी के साथ सहयोगी भी घबराए हुए हैं कि कहीं 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में होने वाले महागठबंधन की बैठक से पहले ही इस गठबंधन की गांठ खुल न जाये.

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