आज राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन के जरिए भाकपा-माले ने हक दो-वादा निभाओ अभियान की शुरूआत की।अभियान अगले चार महीनों तक चलेगा।माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कन्वेंशन में कहा कि बिहार आज एक संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. विगत 20 सालों से जो सरकार राज्य में चल रही है, अब वह चलने वाली नहीं है. भाजपा इसका फायदा उठाकर बिहार में हावी होना चाहती है. ऐसे में सामाजिक-आर्थिक बराबरी और लोकतंत्र के मजबूत गढ़ के एक प्रदेश के रूप में एक नया बिहार बनाने में भाकपा-माले की नेतृत्वकारी भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि रोजगार के बिना विकास के दावे की हर बात फर्जी है. विकास के नाम पर संस्थाबद्ध भ्रष्टाचार ही यहां की चारित्रिक विशिष्टता बनी हुई है. विकास के मोर्चे पर हमें चैतरफा पहलकदमी लेनी होगी. सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के उपरांत बिहार सरकार ने लगभग 95 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रु. की सहायता राशि की घोषणा की थी. इस दिशा में सरकार के प्रयास न के बराबर हैं. सरकार ने आय प्रमाण पत्र का झमेला बना रखा है. स्थानीय प्रशासन 72000 रु. से सालाना के नीचे आय प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है. इसका मतलब है कि जरूरतमंदों को सही अर्थों में इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।कन्वेंशन में लगभग 11 जिलों के जिला सचिवों ने अपनी रिपोर्ट रखी. अध्यक्षमंडल में का. मीन तिवारी के अलावा का. केडी यादव, का. सोहिला गुप्ता, का. आफताब आलम, का. निरंजन कुमार शामिल थे.