जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूपेश देव एवं जिलाधिकारी पटना शीर्षक कपिल अशोक द्वारा पर्यवेक्षण गृह एवं विशेष गृह गायघाट का निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।निरीक्षण के दौरान अधीक्षक पर्यवेक्षण गृह को निर्देशित किया गया कि तीव्र गर्मी को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए आवश्यक संख्या में कूलर, स्टैंड फैन एवं वॉटर चिलर की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण से जोड़ने हेतु भी निर्देश दिए गए। साथ ही, भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए बालकों को नियमित चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। वर्तमान में पर्यवेक्षण गृह, पटना में विभिन्न आयु वर्ग के कुल 102 बच्चे एवं विशेष गृह में 6 बच्चे आवासित हैं। इनमें से 56 विधि विरुद्ध बालक पर्यवेक्षण गृह, आरा के बंद होने के उपरांत विभाग के निर्देशानुसार पटना में आवासित हैं। जिलाधिकारी द्वारा पर्यवेक्षण गृह में गृह आबासन क्षमता के अनुपात में बच्चों की संख्या घटाने हेतु सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता विद्युत, गुलजारबाग पटना सिटी को निर्देशित किया गया कि विद्युत खपत के अनुपात में मीटर की लोडिंग क्षमता बढ़ाई जाए। पर्यवेक्षण गृह, पटना में सुरक्षा व्यवस्था एवं बच्चों के उपस्थापन को लेकर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की नियुक्ति हेतु भी अधीक्षक को निर्देशित किया गया।निरीक्षण के दौरान सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पटना, प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय परिषद पटना एवं सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई पटना भी उपस्थित थे।