बिहार के दरभंगा में प्रस्तावित एम्स निर्माण पर फिर एक बार ग्रहण लग गया है. बिहार सरकार द्वारा दिये गए शोभन बाईपास वाली 150 एकड़ जमीन को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने 26 मई 23 को पत्र जारी करते हुए रिजेक्ट कर दिया है. इस बात की जानकारी बिहार पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने दरभंगा में भाजपा द्वारा आयोजित व्यापारी सम्मेलन में कहा..
वहीं, सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि, वे नहीं चाहते हैं कि दरभंगा में एम्स का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाए. उन्होंने कहा कि, दरभंगा में अगर एम्स का निर्माण नहीं हुआ तो इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा. आपने उत्तर बिहार और मिथिला के लाखों लोगों को इलाज कराने से वंचित कर दिया है. सिर्फ इसलिए कि इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को ना मिल जाए. लोग यह ना कहे कि एम्स को नरेंद्र मोदी ने बनवाया.
सुशील मोदी ने यह भी कहा कि, नीतीश कुमार पहले कहते रहे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बना दिया जाए. फिर उन्होंने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर में एम्स निर्माण के लिए जमीन दे रहा हूं. फिर आपने कहीं और एम्स निर्माण के लिए जमीन दे दिया. जब केंद्र की टीम एम्स निर्माण स्थल को देखने आई तो उसने कहा कि, यहां तो बिल्डिंग बनाना संभव ही नहीं है और रिजेक्ट कर दिया. 5 साल से ऊपर होने को चला है लेकिन आज तक दरभंगा एम्स का निर्माण प्रारंभ नहीं हो पाया क्योंकि बिहार सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा पाई.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, विकास पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जान बूझकर बिहार सरकार ने एम्स को जमीन नहीं दिया. देश के हर राज्य में एक एम्स निर्माण का प्रावधान है. लेकिन, कश्मीर के बाद बिहार को दूसरा एम्स मिला. वहीं उन्होंने कहा कि, समाचार पत्र के माध्यम से पता चला कि जदयू के 20 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि दरभंगा से एम्स को हटाकर सहरसा में बनाया जाए. जो लोग एम्स को लेकर राजनीति कर रहे हैं वह लोग कान खोल कर सुन लें कि लोकसभा के चुनाव में आप एक भी सीट मिथिलांचल से जीत नहीं पाएंगे क्योंकि हम लोग एम्स के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे.