ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के देशव्यापी आह्वान पर ऐक्टू से जुड़े लोगों ने आज पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के समक्ष प्रतिवाद सभा कर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। ऐक्टू से जुड़े लोगों ने मोदी सरकार के मजदूर विरोधी व कॉरपोरेट परस्त नीतियों व इस फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।ऐक्टू नेताओं ने कहा कि श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 14 जून, 2024 को एक नई अधिसूचना जारी की, जिसके तहत उसने ईपीएफ (EPF), कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) और कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा योजना (EDLIS) अंशदान जमा करने में देरी के लिए दंडात्मक शुल्क में भारी कमी की है, जिसमें श्रमिकों का अंशदान भी शामिल है।वक्ताओं ने मोदी सरकार से 14 जून को जारी अधिसूचना को अविलम्ब वापस लेने की पुरजोर मांग करते हुए सरकार से मजदूरों की गाढ़ी कमाई में कारपोरेट लूट को मोदी वैधानिक बनाने की प्रक्रिया से बाहर निकलने तथा मजदूर हितों वाली कानून का संरक्षण कर कड़ाई से लागू करने की मांग किया।* साथ ही कहा कि अगर मोदी सरकार मजदूर विरोधी कारर्पोरेटरस्ती से बाज नही आती तो सरकार के कारर्पोरेटरस्ती के खिलाफ ऐक्टू देशभर में व्यापक अभियान च