मोदी सरकार की तानाशाही, जन-विरोधी- मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ लोकतन्त्र और संविधान की रक्षा के सवाल पर ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स 25 जुलाई से 8 अगस्त तक 15 दिवसीय देशव्यापी अभियान चला रहा है। इस अभियान की समाप्ति 9 अगस्त को भारत छोड़ो दिवस के दिन देश भर में प्रदर्शन से होगा।ऐक्टू का देशव्यापी अभियान मजदूरों की गुलामी वाला 4 श्रम संहिता कानून रद्द करने,निजीकरण -ठिका व आउटसोर्स प्रथा पर रोक, 3 नए फौजदारी कानूनों को रद्द करने, ओपीएस लागू करने,निर्माण,असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के अधिकारों में लूट बन्द करने ,आशा-रसोइया,आंगनबाड़ी,ममता आदि को भुखमरी की मजदूरी पर खटाना बन्द करने, वैधानिक मजदूरी 35 हजार व पेंशन 10 हजार करने, 12 घण्टा कार्य-दिवस रद्द करने,ईपीएफ जुर्माना में मालिक पक्षीय छूट को रद्द करने ,बढ़ती बेरोजगारी-महंगाई पर रोक लगाने जैसे 11 सूत्री मांग पर ऐक्टू देशव्य्यापी अभियान चला रहा है। ऐक्टू के देशव्यापी अभियान के तहत महासंघ (गोप गुट) से जुड़े संविदा एएनएम व एनएचएम कर्मियों ने ठिका,मानदेय,आउटसोर्स प्रथा पर पूरी तरह रोक लगाने,निजीकरण पर रोक व सेवा का स्थायीकरण करने तथा समान काम का समान वेतन देने के अभियान के मुद्दे पर तथा अपनी मांगों यथा एफआरएएस सिस्टम पर रोक लगाने, सेवा स्थायी करने की प्रमुख मांग पर मोदी-नीतीश सरकार के इन शोषण वाली नीतियों के खिलाफ अटल पथ,पटना में महासंघ ( गोप गुट ) राज्य कार्यलाय के समक्ष जमकर नारेबाजी किया। इसमें प्रमुख रूप से महासंघ (गोप गुट) के सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार,संविदा एएनएम कर्मियों की नेता अर्चना कुमार,उषा कुमारी,एनएचएम कर्मी नेता अभिमन्यु कुमार,हेतराम मीणा,गोप गुट पटना जिला सचिव मनोज कुमार यादव,बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ (गोप गुट )के महासचिव कृष्णनंदन सिंह शामिल थे।