राजधानी पटना में नियोजित शिक्षकों का जमकर बवाल देखने के लिए मिल रहा है. सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षकों ने खूब नारेबाजी की और इसके साथ ही अपनी आवास बुलंद की. इधर, नियोजित शिक्षकों का प्रदर्शन देखते हुए सरकार ने भी एक्शन लिया और उन्हें बड़ी राहत दे दी है. बता दें कि, बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है ऐसे में सदन में भी नियोजित शिक्षकों से जुड़ा मामला बड़े ही जोर-शोर से उठाया जा रहा है. वहीं, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने शिक्षकों को राहत देने वाला बयान दिया है. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि, जिस चीज का निर्णय नहीं हुआ है उस मामले पर अभी विरोध-प्रदर्शन करने का क्या ही मतलब है ? बिहार सरकार अंतिम निर्णय बाद में लेगी.
शिक्षा मंत्री का आया बड़ा बयान
मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान नियोजित शिक्षकों को लेकर विजय कुमार चौधरी ने कहा कि, सरकार ने कभी नहीं कहा था कि बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा, लेकिन शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं कि उनकी नौकरी चली जाएगी. ऐसा निर्णय सरकार के स्तर पर नहीं हुआ है. समिति ने भी अनुशंसा की है सरकार पूरे मामले को देखेगी, शिक्षकों के हित को भी देखेगी और शिक्षकों की बात को भी सुनेगी. उन्होंने कहा कि, विरोध प्रदर्शन करने से कुछ होने वाला नहीं है. निश्चित तौर पर सरकार उनकी बात को जरूर सुनेगी. आंदोलन करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होने वाला है.
क्या है नियोजित शिक्षकों की मांग
बता दें कि, नियोजित शिक्षकों की मांग है कि राज्यकर्मी बनने के बाद सभी नियोजित शिक्षकों की समानुपातिक वेतन वृद्धि होनी चाहिए. नियोजित शिक्षकों के अनुसार सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन लिए जाने में कई सारी व्यावहारिक दिक्कतें हैं. काफी ज्यादा संख्या में नियोजित शिक्षकों के पास कंप्यूटर चलाने की जानकारी नहीं है. ऐसे में इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन करना भी है तो ऑफलाइन हो. वहीं, दूसरी ओर शिक्षक अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. साफ तौर पर उनका कहना है कि, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वे डटे रहेंगे. खैर, शिक्षा मंत्री के इस फैसले के बाद शिक्षकों का क्या कुछ रिएक्शन होगा वह देखने वाली बात होगी.