DARSH DESK - लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान आज चल रहा है. सात चरणों में हुए मतदान की गिनती 4 जून को होगी, जिसमें लोकसभा की सभी सीटों के लिए रिजल्ट जारी किया जाएगा. इसमें 272 सीटों का आगरा छूने वाली पार्टी अथवा गठबंधन को सरकार बनाने का मौका मिलेगा.
पर 4 जून से पहले ही आज शाम में मतदान प्रक्रिया खत्म होते टीवी चैनलों द्वारा विभिन्न एजेंसियों का एग्जिट पोल दिखाना शुरू कर दिया जाएगा. इस तरह के एग्जिट पोल का इंतजार आम लोगों के साथ ही विभिन्न दलों के राजनेताओं और प्रत्याशियों को भी रहता है. हालांकि इस एग्जिट पोल को लेकर कई तरह की राजनीति भी होते रही है. राजनीतिक दल के नेता अपनी सुविधा के अनुसार इस पर क्रिया और. प्रतिक्रिया देते रहते हैं.
आम लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि आखिर यह एग्जिट पोल कैसे तैयार किया जाता है. कैसे यह एग्जिट पोल कभी-कभी अक्षरसः सही साबित होते हैं तो कई बार पूरी तरह फेल हो जाते हैं. 2004 का लोकसभा चुनाव का एग्जिट पोल हर किसी के ध्यान में आता है जब लगभग सभी एजेंसियों ने वाजपेई सरकार के दोबारा सत्ता में आने की बात कही थी, पर रिजल्ट में वाजपेई की सरकार हार गई और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली यूपीए गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ था.
इस देश में कई एजेंसियां एग्जिट पोल करती है जिसमें से प्रमुख हैं.सी-वोटर, एक्सिस माई इंडिया, सीएनएक्स भारत, कई चैनल और अखबार भी अब अपना एग्जिट पोल करने लगी है.
एग्जिट पोल करने वाले विशेषज्ञों की माने है तो एक प्रक्रिया के तहत यह काम किया जाता है.एग्ज़िट पोल में जब मतदाता चुनाव में वोट देकर बूथ से बाहर निकलता है तो उससे पूछा जाता है कि क्या आप बताना चाहेंगे कि आपने किस पार्टी या किस उम्मीदवार को वोट दिया है. इसके साथ ही वह पसंदीदा पार्टी और नेता यानी प्रधानमंत्री पद के रूप में पसंद किए जाने वाले नेताओं का नाम पूछती हैं. एग्जिट पोल करने वाली एजेंसी इस तरह की व्यवस्था शहरी से लेकर ग्रामीण स्तर के बूथों तक करती है. इससे मिले आंकड़ों पर रिजल्ट तैयार करती है.एग्ज़िट पोल दो चीज़ों का अनुमान लगाता है. वोट प्रतिशत और पार्टियों को मिलने वाली सीट. चुनाव विश्लेषक की माने तो एग्ज़िट पोल के अनुमान मौसम विभाग के अनुमान जैसे होते हैं, जो कई बार बहुत सटीक होते हैं, कई बार उसके आस-पास होते हैं और कई बार पूरी तरह गलत होते हैं.
हाल के दिनों में देखा गया है कि कई चुनाव में एग्जिट पोल पूरी तरह से सटीक आए हैं जबकि कई चुनाव में इसके अनुमान रिजल्ट से ठीक अलग दिखे हैं. अब देखना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न एजेंसियों का एग्जिट पोल क्या कहता है. क्या इस एग्जिट पोल में पीएम मोदी के 400 पर आंकड़े पर मोहर लगता है या फिर विपक्षी इंडिया गठबंधन द्वारा किए जा रहे दावे के सही होने का इशारा करता है. इस एग्जिट पोल के अनुमान 4 जून के रिजल्ट से मेल खाए या ना खाए, लेकिन आम लोगों के साथ ही राजनेताओं को भी विभिन्न एजेंसियो के एग्जिट पोल का बेसब्री से इंतजार है. और यह इंतजार अब से कुछ ही घंटे के बाद खत्म होने वाला है.