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5 सीटों पर वोटिंग को लेकर आज थम जायेगा चुनाव प्रचार, जानिए कौन-कहां से हैं प्रत्याशी

Election campaign will stop today due to voting on 5 seats,

26 अप्रैल को बिहार के 5 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है. ऐसे में आज प्रचार-प्रसार का अंतिम दिन है. आज शाम 5 बजे के बाद चुनावी प्रचार थम जायेंगे. वहीं, जिन 5 सीटों पर वोटिंग होनी है, उनमें सीमांचल इलाके की किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया सीट तो वहीं पूर्वी बिहार की भागलपुर और बांका सीट शामिल है. इन सभी सीटों के लिए पिछले दिनों जमकर रैलियां देखने के लिए मिली. जनता के बीच प्रत्याशियों को देखा गया. ऐसे में बात करें प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार की तो उनके लिए 26 अप्रैल का दिन किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. तो वहीं दूसरी ओर दूसरे चरण का चुनाव आरजेडी से ज्यादा कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. गठबंधन में रहने के बावजूद जेडीयू के लिए यह चुनाव चैलेंजिंग है. लेकिन, जनता सर्वोपरि है, किसे अपना नेता चुनेगी वह तो देखने वाली बात होगी.  

सभी 5 सीटों पर प्रत्याशी

इधर, सभी पांच सीटों पर नजर डालें तो, एनडीए की तरफ से पांचों लोकसभा सीटों पर जेडीयू के कैंडिडेट ही मैदान में हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन से बांका और पूर्णिया दो सीट पर आरजेडी चुनावी मैदान में है तो कांग्रेस तीन सीटों पर भाग्य आजमा रही है. बता दें कि, जेडीयू ने भागलपुर से मौजूदा सांसद अजय कुमार मंडल, कटिहार से दुलालचंद गोस्वामी, पूर्णिया से संतोष कुशवाहा और बांका से गिरिधारी यादव को उम्मीदवार बनाया है. बात करें किशनगंज सीट की तो मुस्लिम बहुल इलाका होने की वजह से इस बार जेडीयू ने वहां प्रत्याशी का चेहरा बदल दिया है और मुजाहिद आलम पर दांव लगाया है. 

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी

वहीं, कांग्रेस ने किशनगंज सीट पर मोहम्मद जावेद को उतारा है तो कटिहार सीट पर तारिक अनवर पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने भागलपुर सीट से अजीत शर्मा को उतारा है. इसके अलावे इंडिया गठबंधन में शामिल आरजेडी ने पूर्णिया सीट पर बीमा भारती को उतारा है, जो जेडीयू छोड़कर आई हैं. बांका सीट पर आरजेडी ने जय प्रकाश यादव को उतारा है. कांग्रेस के सामने किशनगंज सीट को बचाए रखते हुए सीमांचल इलाके में अपनी सीटें बढ़ाने की चुनौती है.

दूसरा चरण कांग्रेस और जेडीयू के लिए महत्वपूर्ण 

वहीं, कांग्रेस और जेडीयू के लिए दूसरा चरण का चुनाव कितना महत्व रखता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जेडीयू सभी पांच सीटों पर चुनावी मैदान में है तो कांग्रेस तीन सीटों पर उतरी है. नीतीश कुमार लगातार सीमांचल और पूर्वी बिहार में डेरा जमाए हुए हैं तो कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी भागलपुर में चुनावी रैली कर चुके हैं और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कटिहार और किशनगंज में चुनावी सभा कर अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांग चुके हैं. इधर, पप्पू यादव के निर्दलीय उतरने से पूर्णिया सीट पर आरजेडी के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं तो बीमा भारती के उतरने से जेडीयू की चिंता बढ़ गई है. इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के किशनगंज सीट से चुनाव लड़ने के चलते कांग्रेस की टेंशन बढ़ी हुई है. इस तरह बिहार के दूसरे चरण की कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है.

इन सीटों पर कांटे की टक्कर

पांच सीटों में ऐसी कुछ सीटें हैं जहां पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों का सीधा-सीधा मुकाबला है. पहला भागलपुर सीट, भागलपुर सीट पर जेडीयू के अजय मंडल और कांग्रेस के अजीत शर्मा के बीच सीधा मुकाबला है. दूसरा कटिहार, कटिहार में जेडीयू के दुलाल चंद गोस्वामी और कांग्रेस के तारिक अनवर आमने सामने हैं. तीसरा बांका, बांका लोकसभा सीट पर जेडीयू के गिरधारी यादव और आरजेडी के जय प्रकाश यादव के बीच सीधी लड़ाई मानी जा रही है. तो वहीं, दूसरे चरण में इन तीन सीटों पर आमने-सामने का मुकाबला है, लेकिन पूर्णिया और किशनगंज सीट पर त्रिकोणीय जंग होती दिख रही है.

इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला

दरअसल, पूर्णिया सीट पर जेडीयू के संतोष कुशवाहा, आरजेडी की बीमा भारती के साथ निर्दलीय पप्पू यादव की टक्कर है. पप्पू यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं जबकि आरजेडी पहली बार इस सीट पर जेडीयू से आई बीमा भारती को आगे करके मैदान में है. तेजस्वी यादव पूर्णिया सीट को अपनी साख का सवाल बना लिया है और बीमा भारती को जिताने के लिए हरसंभव कोशिश में लगे हैं. भागलपुर की रैली में राहुल गांधी ने भी बीमा भारती के लिए वोट देने की अपील कर चुके हैं, लेकिन पप्पू यादव पूरे दमखम के साथ जुटे हुए हैं. पप्पू यादव ने यादव-मुस्लिम और दलित वोटों को अपने पक्ष में करने में लगे हैं, जो आरजेडी के लिए चिंता का सबब बना रहा. बीमा भारती के चलते जेडीयू वोटों में भी सेंधमारी का खतरा बना हुआ है, जो संतोष कुशवाहा के लिए टेंशन बढ़ा रहा है. इस तरह पूर्णिया की लड़ाई पूरी तरह से त्रिकोणीय बनी हुई है.

इधर, किशनगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस के मोहम्मद जावेद का मुकाबला जेडीयू के मुजाहिद आलम और एआईएमआईएम उम्मीदवार अख्तरुल ईमान से है. पिछले लोकसभा चुनाव में यही तीनों पार्टियां मैदान में थी. इसके बाद भी कांग्रेस यह सीट जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन ओवैसी की पार्टी को भी करीब तीन लाख वोट मिले थे. इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम पांच सीटें जीतने में कामयाब रही थी, ये 5 सीटें सीमांचल इलाके थी. हालांकि, बाद में ओवैसी की पार्टी के पांच से चार विधायक आरजेडी के साथ चले गए थे, लेकिन अख्तारुल ईमान पार्टी में बने हुए हैं और अब लोकसभा चुनाव में फिर से हैं. मुस्लिम मतदाता 60 फीसदी से भी ज्यादा किशनगंज सीट पर है, जिसके चलते तीनों ही पार्टियां मुस्लिम प्रत्याशी को उतारा है. इस तरह किशनगंज सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुई है, जिसमें कांग्रेस और जेडीयू दोनों के लिए ओवैसी की पार्टी चिंता का सबब बनी हुई है.

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