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तेजस्वी के बयान के बाद पूर्णियां में बदल रही चुनावी तस्वीर,जानें किसे मिलेगा फायदा..

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ELECTION 2024 POLITICS:- लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के अधिकांश सीटों पर NDA और INDIA गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है,पर पूर्णियां की तस्वीर थोड़ी सी अलग है.जानकारों की मानें तो यहां जेडीयू के संतोष कुशवाहा,आरजेडी की बीमा भारती और निर्दलीय पप्पू यादव के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है,और कुछ लोग तो पप्पू यादव का पलड़ा भारी बता रहे हैं.

तेजस्वी के बयान से बदल रहा माहौल

इसका अंदाजा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बयान से लिया जा सकता है जिसमें वे कह रहे हैं कि अगर आप इंडिया गठबंधन की बीमा भारती को वोट नहीं देते हैं तो एनडीए के संतोष कुशवाहा को ही वोट दे दीजिए,पर तीसरे किसी को वोट मत दीजिए.तीसरे का सेंस पप्पू यादव से है,जिसे किसी भी हालत में लालू यादव का परिवार और आरजेडी जीतते नहीं देखना चाहती है. 

लालू परिवार से गुस्से में पप्पू

तेजस्वी यादव के इस बयान पर पप्पू यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.वहीं एनडीए के नेताओं का बयान आ रहा है कि तेजस्वी यादव ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है,और एनडीए को तेजस्वी के वोट की जरूरत नहीं है.वहीं तेजस्वी यादव के इस बयान से पप्पू यादव की मजबूत स्थिति बनने लगी है.आमलोगों में ये मैसेज चला गया है कि बीमा भारती पप्पू यादव की वजह से पिछड़ रही हैं और अगर मुकाबले में वह पिछड़ती हुई नजर आयेगी तो एनडीए विरोधी वोट पप्पू यादव के झोली में जा सकता है.

बयान पर RJD की सफाई

हलांकि आरजेडी और तेजस्वी के इस बयान पर सफाई देती नजर आ रही है.पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने तेजस्वी का वीडियो जारी करते हुए लिखा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है.तेजस्वी के कहने का मतलब कुछ और था,पर मीडिया में उनके बयान को संदर्भ से अलग दिखाया जा रहा है.

पूर्णियां का मुकाबला दिलचस्प

बताते चलें पप्पू यादव पूर्णियां से चुनाव लड़ने के लिए काफी दिनों से तैयारी कर रहे थे.इसके लिए उन्होंने अपनी जाप पार्टी को कांग्रेस में शामिल करा दिया था,पर आरजेडी ने पूर्णियां की सीट कांग्रेस को नहीं दी,जिसकी वजह से पप्पू यादव को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं और वे खुद का पार्टी स्तर से उपर उठकर पूर्णियां के बेटा के रूप में वोट मांग रहे हैं.स्थानीय कांग्रेस नेताओं का समर्थन अंदरूनी रूप से पप्पू यादव के पति है.आरजेडी ने इस समर्थन को खत्म कराने के लिए राहुल गांधी की सभा पूर्णियां में भी कराने की कोशिश की थी,पर कांग्रेस ने इससे इंकार कर दिया.इसका मतलब है कि कांग्रेस नेताओं का सॉफ्ट कार्नर पप्पू यादव के प्रति है.अगर पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव जीतते हैं तो वे कांग्रेस के साथ ही जुड़ेगें.क्योंकि उनकी पत्नी  रंजीता रंजन पहले से ही कांग्रेस मे  हैं और राज्यसभा से सांसद हैं.पप्पू यादव के राजनीतिक पकड़ की वजह से ही आरजेडी उन्हें किनारा लगाने की पूरपजोर कोशिश कर रही है,पर पप्पू यादव अकेले मैदान मे डटे हैं.उन्हें जनसमर्थन भी मिल रहा है और अगर ये जनसमर्थन वोट मे तब्दील होता है तो फिर पूर्णियां एवं सीमांचल की राजनीति में आने वाले दिनों में बदलाव होता हुआ दिखेगा.

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