बिहार में इन दिनों नियोजित शिक्षकों का मुद्दा पूरी तरह से गरमाया हुआ है. नियोजित शिक्षक कभी प्रदर्शन करते तो कभी लाठियां खाते तो कभी धरना देते हुए भी देखे जा रहे हैं. कुल मिलाकर कहा जाए राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए सक्षमता परीक्षा में शामिल न होने की जिद पर अड़ गए हैं. शुरुआत से देखें तो निजोजित शिक्षकों ने उन्हें राज्यकर्मी बनाने की मांग सरकार से की थी. जिसके बाद उनकी मांगों को देखते हुए सरकार ने राज्य कर्मी बनाने की बात मान ली, लेकिन सक्षमता परीक्षा की शर्त जोड़ दी. अब शिक्षकों को यह भी स्वीकार नहीं है. वे बिना किसी परीक्षा के राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करना चाहते हैं. कुछ दिन पहले ही शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने घोषणा की थी कि, पहले निर्धारित तीन सक्षमता परीक्षाओं की जगह अब पांच सक्षमता परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. इनमें दो ऑफलाइन यानी लिखित परीक्षाएं होंगी. इसके बावजूद शिक्षकों ने धरना दिया.
सम्राट चौधरी का आश्वासन
जिसके बाद नियोजित शिक्षकों ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से भी मुलाकात की थी. उनके साथ शिक्षक प्रतिनिधिमंडल की डेढ़ घंटे तक चली मुलाकात में भी बात नहीं बनी. हालांकि, उन्होंने यह आश्वासन जरूर दिया कि, सक्षमता परीक्षा की वजह से किसी की नौकरी नहीं जाएगी. शिक्षक प्रतिनिधियों ने नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा लिए बगैर राज्यकर्मी का दर्जा देने की बात कही. उनका तर्क है कि वर्षों बाद सक्षमता परीक्षा का कोई औचित्य नहीं है. शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से हो रही अपनी परेशानियां भी उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को बताईं. उनका कहना था कि पाठक लगातार शिक्षकों को लेकर फरमान जारी करते रहते हैं. विपक्ष में रहते भाजपा भी केके पाठक के कई फरमानों के खिलाफ रही है.
सम्राट चौधरी से नियोजित शिक्षकों की उम्मीद
नियोजित शिक्षकों की मांग को देखते हुए उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि दो दिनों में में वे शिक्षकों की समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करेंगे. अब नियोजित शिक्षक सम्राट चौधरी से उम्मीद कर बैठे हैं. वो इसलिए क्योंकि, विपक्ष में रहते वे खुद केके पाठक के कई आदेशों पर आपत्ति जताते रहे हैं. उप मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि वे उनकी सारी समस्याओं का निदान करेंगे. शिक्षकों की सारी समस्याएं उन्होंने सुन ली हैं. शिक्षा मंत्री के साथ बैठ कर वे शिक्षकों की सारी समस्याओं का निदान करेंगे. नियोजित शिक्षक भी सम्राट चौधरी से हुई बातचीत से संतुष्ट हैं. वे बातचीत को सकारात्मक मान रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि उप मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं का निदान जरूर करेंगे, क्योंकि जब वे विपक्ष में थे तो उस दौरान भी उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं को उठाया था. शिक्षकों के हित में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किया था.
क्या बैकफुट पर आयेगी सरकार ?
इधर देखा जाए तो, शिक्षकों के प्रतिनिधि सम्राट चौधरी से मुलाकात के बाद संतुष्ट तो दिखे, लेकिन जो मांगें उन्होंने रखी हैं, उन्हें पूरा करने पर सरकार को बैकफुट पर आना पड़ेगा. शिक्षक बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा व ऐच्छिक स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं. शिक्षकों के संगठन ने कहा है कि, मांग पूरी होने तक सक्षमता परीक्षा बहिष्कार जारी रहेगा. उन्होंने अपील की है कि नियोजित शिक्षक ऑनलाइन आवेदन न करें. जो आवेदन कर चुके हैं, उनसे भी शिक्षक संगठन ने आग्रह किया है कि वे सक्षमता परीक्षा में शामिल न हों. 26 फरवरी पहली ऑनलाइन परीक्षा की तिथि घोषित हो चुकी है. लाख से ऊपर आवेदन भी आए हैं. वहीं, बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या तकरीबन चार लाख बताई जाती है.