बिहार के पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. लेकिन, इसके लिए उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी. इस परीक्षा को लेकर नियोजित शिक्षकों की ओर से लगातार विरोध किए जा रहे हैं. शिक्षकों का साफ तौर पर कहना है कि वे सक्षमता परीक्षा नहीं देंगे. लागातार शिक्षकों के मुद्दे को लेकर गहमागहमी बनी हुई है. इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नियोजित शिक्षकों के लिए राहत भरी बात कह दी है. दरअसल, एसीएस केके पाठक शुक्रवार के सीतामढी पहुंचे थे. जहां, उन्होंने जिला मुख्यालय, डुमरा स्थित डायट भवन का जायजा लिया.
कुछ ऐसे पूछे जायेंगे प्रश्न
साथ ही साथ वहां मौजूद शिक्षकों से कहा कि जिस जोश और जज्बे के साथ विभाग में काम हो रहा है, वो काबिले तारीफ है. आगे केके पाठक ने यह भी कहा कि, सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षकों को घबराने की जरूरत नहीं है. परीक्षा में सरल प्रश्न पूछे जाएंगे. मुख्यमंत्री ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं. साथ ही उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि, बीपीएससी परीक्षा की तरह प्रश्न पत्र कठिन नहीं होंगे. आसान प्रश्न ही कहे जायेंगे. बता दें कि, इस दौरान केके पाठक ने डीईओ से पिछले भ्रमण के दौरान योजना, कार्यों के संबंध में दिए गए निर्देशों के पालन की जानकारी ली.
अब मिलेंगे पांच मौके
इस बीच आपको याद दिला दें कि, नियोजित शिक्षकों को तीन मौके दिए जाने की बात कही जा रहा थी कि इन तीन मौकों में ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा पास करना होगा. लेकिन, शुक्रवार को ही खबर सामने आई कि, अब नियोजित शिक्षकों के पांच मौके दिए जायेंगे. इन पांच मौकों में नियोजित शिक्षकों को पास होना होगा. तो वहीं, दूसरी ओर लगातार सक्षमता परीक्षा का विरोध किया जा रहा है. चूंकि, परीक्षा ऑनलाइन ली जाएगी तो ऐसे में कहा जा रहा कि नियोजित शिक्षक कंप्यूटर फ्रेंडली नहीं हैं. हालांकि, विभाग की ओर से उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है लेकिन वे पूरे तरह से ट्रेंड नहीं हो पाए हैं. जिसको लेकर सक्षमता परीक्षा का विरोध किया जा रहा है.