Patna- NEET पेपर लीक कांड में गिरफ्तार जल संसाधन विभाग के जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदू के खिलाफ बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उनके कार्यकालाप की जांच का भी निर्देश दिया है. आरोपी सिकंदर प्रसाद यादव 2012 मैं जल संसाधन विभाग में नियुक्त हुए थे.
बताते चलें कि इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU ) ने अब तक कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें कई परीक्षार्थी उनके अभिभावक और सेटर शामिल हैं. जांच के क्रम में यह सनसनीखेज जानकारी सामने आई है कि जेल में बंद जल संसाधन विभाग के जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार ने अपने पद का पूरा दुरुपयोग किया था. उसने परीक्षार्थियों के रहने के लिए पटना एयरपोर्ट के ठीक सामने NHAI का गेस्ट हाउस बुक कराया था. इस गेस्ट हाउस में सिकंदर का साला संजीव उसकी पत्नी रीना और संजीव का बेटा अनुराग ठहरा था. अनुराग भी नीट का परीक्षार्थी था, और उसे भी अन्य परीक्षार्थियों के साथ आंसर रटवाया गया था. इन परीक्षार्थियों को संयुक्त रूप से पटना के रामकृष्ण नगर स्थित खेमनी चक में मौजूद एक प्ले स्कूल और बॉयज हॉस्टल में एक साथ रख कर रटवाया गया था.
आर्थिक अपराध इकाई ने नीट परीक्षा मामले में गड़बड़ी को लेकर जांच तेज कर दी है. जांच एजेंसी उन परीक्षार्थी और उनके अभिभावकों से भी पूछताछ कर रही है जिनका नाम और रोल नंबर गिरोह के पास मिला था.
वहीं दूसरी और सुप्रीम कोर्ट भी इस परीक्षा को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के खिलाफ सख्त होती जा रही है. मंगलवार को एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इसमें अगर थोड़ी सी भी लापरवाही या गड़बड़ी हुई है तो जांच एजेंसी इसको स्वीकार करें और उसे ठीक करने की पहल करें. इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी जिसमें पूरे मामले पर सभी पक्ष अपनी बात रखेंगे और यह संभव है कि उसे दिन सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला नीट परीक्षा को लेकर ले सकता है.
इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी नीट परीक्षा में गड़बड़ी की बात स्वीकार की है, और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में बड़े बदलाव की बात कही है.