सहरसा में एम्स अस्पताल के निर्माण को लेकर पिछले 8 वर्षों से संघर्ष किया जा रहा है. एम्स निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले एवं अन्य सामाजिक संगठनों के द्वारा लगातार हस्ताक्षर अभियान, रोड शो, अनशन करके सरकार को जगाने की कोशिश की जा रही है. मालूम हो कि कोसी का इलाका जहां बीमारी, बेरोजगारी, भुखमरी और पलायन कुलांचे भरती है. अधिकतर लोगों की जिंदगी दवा पर ही टिकी हुई है. महज एक मात्र सदर अस्पताल के बदौलत ही लोग अपना इलाज करवा पाते है. अधिक इमरजेंसी केस आने के बाद उसे यहां से दरभंगा या पटना रेफर कर दिया जाता है.
अधिकांश रेफर मरीजों की मौत रास्ते में ही हो जाती है क्योंकि ससमय मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा यहां मुहैया नहीं हो पाती है. कोसी के लोग लगातार आठ वर्षों से एम्स का निर्माण सहरसा में ही हो जिसके लिए कदमताल कर रहें है. एम्स महा अस्पताल निर्माण के लिए जितनी जमीन चाहिए वो जमीन सहरसा से चिन्हित कर सरकार को रिपोर्ट भी भेज दिया गया है. लेकिन, सहरसा के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. इसी विषय को आंदोलन का रूप देने के लिए आज स्थानीय विवाह भवन, शंकर चौक पर एम्स निर्माण सहरसा में हो इसके लिए सर्वदलीय महा बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सभी दलों के लोगों ने भाग लिया.
इस महा बैठक की अध्यक्षता प्रवीण आंनद और विनोद कुमार झा संयुक्त रूप से किया. वहीं, मंच का संचालन सोमू आंनद ने बखूबी अंदाज में किया. इस सर्वदलीय महा बैठक को समर्थन पूर्व सांसद आंनद मोहन का साथ मिला. सभी ने बारी-बारी से एम्स निर्माण को लेकर अपनी-अपनी बातें रखी. वहीं, पूर्व सांसद आंनद मोहन ने अपने सम्बोधन में कहा कि, हक मांगने से नहीं मिलता है, उसे छीनना पड़ता है. हम सहरसा के सर्वांगीन विकास का ब्लूप्रिंट तैयार करेंगे. पहला एम्स दूसरा ओवरब्रिज और फिर अन्य समस्याओं पर बात होगी. 31 जुलाई को सहरसा बंद कर सरकार को जगाने का काम किया जायेगा. समाहरणालय, बैंक, थाना, बस, ट्रेन के साथ अन्य चीजों भी बंद किया जायेगा. इस मौके पर विधायक आलोक रंजन झा, महिषी विधायक गूंजेश्वर साह, मीर रिजवान, राहुल झा, अनन्त झा रौशन सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.