Desk- नेपाल और भारत सीमावर्ती इलाके में लगातार हो रही बारिश की वजह से कोसी और वाल्मीकि बैराज से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है. इससे उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. लोगों की समस्याएं और बढ़ने की आशंका है.इसको लेकर बिहार सरकार ने कई कदम उठाए हैं और विभिन्न स्थलों पर अधिकारियों के प्रतिनियुक्ति की है और इसके साथ ही कंट्रोल रूम बनाया गया है ताकि किसी प्रकार की परेशानी आने पर समय रहते उसका समाधान किया जा सके.
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सुपौल के वीरपुर स्थित कोसी बराज पर आवागमन रोक दिया गया है. सभी क्षेत्रीय अभियंता विभिन्न तटबंधों और अति संवेदनशील स्थलों पर कैंप कर रहे हैं. सभी स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ रोधी सामग्रियों का भंडारण किया गया है तटबंध के प्रत्येक किलोमीटर पर तटबंध श्रमिकों की प्रतिनियुक्ति की गई है और इसके साथ ही आवश्यकता अनुसार अति संवेदनशील स्थलों के बेहतर पर्यवेक्षक हेतु 45 कनीय अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 17 कार्यपालक अभियंता सहित तीन अधीक्षण अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है. आपदा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभागीय स्तर पर प्रधान सचिव जल संसाधन विभाग के नियंत्रणाधीन एवं अभियंता प्रमुख स्तर के पदाधिकारी के प्रभार में 24 घंटे की तीन पाली में वार रूम की शुरुआत की गई है.
इसके साथ ही आपदा की स्थिति को देखते हुए उत्तर बिहार के पश्चिमी चंपारण गोपालगंज पूर्वी चंपारण मुजफ्फरपुर वैशाली सीतामढ़ी शिवहर समस्तीपुर किशनगंज अररिया पूर्णिया कटिहार सुपौल सहरसा मधेपुरा मधुबनी दरभंगा खगरिया भागलपुर को सभी आवश्यक जरुरी कार्रवाई करने को लेकर संबंधित जिला शासन को निर्देशित किया गया है.
प्रतिनियुक्त अभियंताओं की सूची इस प्रकार है -