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अब चंद घंटों पर पता चल जाएगा, शराब असली है या नकली ? नीतीश सरकार ने निकाला तोड़

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बिहार में जब से शराबबंदी कानून लागू हुआ है, शराब की ऑनलाइन डिलीवरी का ट्रेंड चल पड़ा है. यही वजह है कि जहरीली और नकली शराब की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है. पीने वालों को पकड़ाने का डर रहता है इसलिए वे डिलीवरी बॉय से ज्यादा जिरह भी नहीं कर पाते. इधर पुलिस और उत्पाद विभाग की टीमें लगातार कार्यवाई करके शराब जब्त कर रही है. जब्ती के बाद ये पता करने में कि शराब असली है या नकली, पुलिस को तीन-चार दिन का इंतजार करना पड़ जाता है. अगर शराब नकली है तो पीने वालों को जान का खतरा रहता है. बिहार में बीते कुछ सालों में जहरीला शराब से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं. अब नीतीश सरकार ने इसका तोड़ निकाल लिया है. 

3-4 घंटों पर पता चल जाएगा 


शराब असली है या नकली इसका पता करने के लिए सहरसा में रसायण परिक्षण केंद्र खोला जाएगा. यहां शराब की जांच होगी. केंद्र की रिपोर्ट में यह साफ हो जाएगा कि शराब असली है या नकली. इसके लिए जमीन की तलाश चल रही है. हालांकि मद्द्य निषेध विभाग के ग्रुप सेंटर में सघन परीक्षण केंद्र खोलने पर भी विचार चल रहा है. भागलपुर और पूर्णिया में भी परिक्षण केंद्र खोलने की योजना बनाई जा रही है. 

अभी तक असली और नकली शराब की पहचान के लिए सैंपल पटना भेजा जाता है. इसकी रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन लग जाते हैं. लेकिन परिक्षण केंद्र खुल जाने से तीन से चार घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी, जिससे मामलों के निपटारे में भी तेजी आएगी. केंद्र में जांच के बाद 90 प्रतिशत से अधिक शराब इंडियन मेड फारेन लिकर(IMFL) के मानकों पर असफल साबित हुई हैं. उत्पाद निरीक्षक संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सहरसा में रसायन परीक्षण खोला जाएगा. मद्द्य निषेध विभाग के ग्रुप सेंटर में ही रसायन परीक्षण केंद्र खोला जाए, इसकी संभावना है.

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