Gaya - अस्पताल में मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ. घटना गया शहर के चंदौती रोड स्थित बोधी हॉस्पिटल का है. यहां इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई.
मरीज की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर सड़क पर शव को रखकर जमकर हंगामा किया और डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है। इस दौरान दोनों ओर से गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई और आवागमन प्रभावित हो गया।
मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा बूझाकर मामला को शांत करवाया। साथ ही पीड़ित पक्ष से हॉस्पिटल के खिलाफ आवेदन की मांग की गई। मृतक के बेटे नीरज कुमार ने बताया कि शनिवार एक रात पिता रामबली प्रसाद की तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें पहले जयप्रकाश नारायण हॉस्पिटल लेकर गए। वहां से मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा दिया गया। जब मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आए तो यहां से भी डॉक्टरों ने रेफर कर दिया, फिर हम लोग उन्हें एम्स हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन डॉक्टर नहीं होने की वजह से वहां मरीज को भर्ती नहीं लिया गया।
इसके बाद रविवार की सुबह करीब 4:00 बजे पिता को बोधी अस्पताल लेकर आए। यहां मरीज का इलाज शुरू किया गया। थोड़ी देर बाद बताया गया कि मरीज की स्थिति ठीक है और 30 हजार रुपए जमा करने की बात कहीं गई जिसके बाद पैसा को जमा करवा दिया।सुबह 8:00 बजे बताया गया कि मरीज सीरियस हो गया है उसे वेंटिलेटर पर रखना होगा। इस पर हम लोगों ने कहा कि जो भी बेहतर हो सकता है वह कीजिए...लेकिन 10 मिनट बाद फिर बताया गया कि मरीज का हार्ट बीट काम नहीं कर रहा है। इसके बाद फिर बताया गया कि मरीज की मौत हो गई है।
वहीं, बोधी हॉस्पिटल के डॉक्टर विकास कुमार ने बताया कि मरीज को काफी क्रिटिकल सिचुएशन में लाया गया था एक डॉक्टर की जिम्मेदारी के तहत मरीज के परिजनों को स्पष्ट बता दिया गया था। उनसे कंसेंट लिया गया था। इसके बाद इलाज किया गया। मरीज काफी सीरियस थे। उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की गई लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी मौत हो गई। इलाज में कहीं कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।
गया से मनीष की रिपोर्ट