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सहारा के निवेशकों में डर, पैसा मिलेगा या नहीं ? जांच होगी या नहीं ? जानिए सरकार का जवाब

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देश के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर सुब्रत रॉय की पिछले महीने मौत हो गई. जिसके बाद देश के कई बड़े दिग्गजों ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया था. तो वहीं दूसरी ओर अचानक सुब्रत रॉय के निधन के बाद जितने भी सहारा निवेशक हैं, उनके बीच हड़कंप मच गया. दरअसल, निवेशकों के बीच उनके पैसे को लेकर डर कायम हो गया. कई तरह के सवाल निवेशकों के मन में उठने लगे. जैसे कि, उनका पैसा मिलेगा या नहीं ? सरकार की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है या नहीं ? सरकार निवेशकों और कंपनी की जांच को लेकर क्या सोच रही है ? वहीं, इन तमाम सवालों के जवाब सरकार ने दे दिया है.  

सरकार की ओर से मिला जवाब  

दरअसल, सोमवार को सरकार ने इन तमाम सवालों के जवाब देने का प्रयास संसद में किया. सरकार में कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की ओर इस मामले पर विस्तार से जानकारी दी गयी. उन्होंने साफ कहा कि किसी की मौत से जांच और कार्रवाई नहीं रुकेगी. आइए आपको हम विस्तार से बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ संसद में पूरी जानकारी दी. कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि, सहारा ग्रुप की कुछ कंपनियों के खिलाफ एसएफआईओ यानी कि सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस और कंपनी कानून के तहत जारी जांच किसी भी व्यक्ति की मौत से बाधित नहीं होगी. सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का 14 नवंबर को लंबी बीमारी के बाद हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. 

सहारा ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश 

आगे कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि, मंत्रालय ने 31 अक्टूबर, 2018 को सहारा समूह की तीन कंपनियों के मामलों की जांच एसएफआईओ को सौंपी थी. ये कंपनियां सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड और सहारा क्यू गोल्ड मार्ट लिमिटेड हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 27 अक्टूबर, 2020 को ग्रुप की 6 दूसरी कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. ये कंपनियां एंबी वैली लेफ्टिनेंट, किंग एंबे सिटी डेवलपर्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड, सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड हैं. 

जांच नहीं होने वाली है बाधित 

मंत्री ने जानकारी दी कि, किसी भी व्यक्ति की मौत से जांच बाधित नहीं होगी. बता दें कि, राज्य मंत्री सहारा ग्रुप द्वारा किए गए चिटफंड घोटाले की जांच के संबंध में हाल में सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख की मृत्यु के बाद सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पूरी जानकारी दी. आपको यह भी बता दें कि, सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की हार्ट अटैक के कारण के कारण मौत हो गयी थी. उनकी कंपनियों में लाखों निवेशकों ने पैसा जमा किया था, जो उन्हें अब तक वापस नहीं मिल पाया है.  

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