भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार के विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर भाजपा के महाविश्वासघात बताया है।कुणाल ने कहा कि भाजपा के समक्ष जदयू के पूर्ण आत्मसर्मपण को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी.बिहार की कृपा पर देश में चल रही मौजूदा मोदी सरकार ने कैबिनेट में बिना कोई चर्चा किए बिहार-झारखंड बंटवारे के समय से ही बिहार के विशेष राज्य की न्यायसंगत मांग को ठुकरा कर बिहार और 13 करोड़ बिहारियों के स्वाभिमान और हक के साथ महाविश्वासघात किया है।उन्होंने कहा कि जदयू ने आत्मसमर्पण के साथ विशेष राज्य की मांग को विशेष पैकेज में बदल दिया है, लेकिन केंद्रीय बजट में बिहार को कोई विशेष पैकेज भी नहीं मिला.केंद्रीय बजट में ‘पूर्वोदया’ योजना के तहत कहा जा रहा है कि बिहार को बहुत कुछ दिया गया, लेकिन सरकार की यह योजना मूलतः हाइवे के निर्माण पर केंद्रित है, जो मूलतः मोदी के काॅरपोरेट मित्रों के हितों में ध्यान रखकर तैयार किया गया है. इन योजनाओं से जनता को सही अर्थों में न तो कोई लाभ मिलेगा और न ही कोई रोजगार।खेती में व्यापक सुधार और कृषि आधारित उद्योंगों के विकास के बिना बिहार के विकास की हर बात बेमानी है. कृषि का अधिकांश बटाईदार किसानों पर निर्भर है, लेकिन बजट में इन तबकों की घोर उपेक्षा की गई है. ग्रामीण मजदूरों व युवाओं के रोजगार के लिए एक शब्द नहीं कहा गया है. आशा, रसोइया, आंगनबाड़ी आदि कार्यकर्ताओं को सरकार ने एक बार फिर छला है.