DESK- कड़क IAS अधिकारी माने जाने वाले केके पाठक भी दरभंगा की एक महिला शिक्षिका की चालाकी और फर्जीवाड़ा को नहीं पकड़ पाए.. वह महिला शिक्षिका लगातार 3 सालों तक स्कूल नहीं आई लेकिन वेतन उठाती रही.. लेकिन अब उस महिला शिक्षिका का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है और उसे नौकरी से बर्खास्त करने के साथ ही वेतन के रूप में मिले चार लाख से ज्यादा की राशि की वसूली की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस महिला के कारनामे की जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
महिला शिक्षिका का नाम सुप्रीति कुमारी है. वह दरभंगा जिले के गौड़बोराम प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय तेनुआ में कार्यरत थी. वह अप्रैल 2021 से ही स्कूल नहीं आ रही थी लेकिन वह हरेक माह वेतन उठा रही थी. इसका खुलासा एक आरटीआई के तहत हुआ है. यह आरटीआई स्थानीय लोगों की शिकायत पर लोजपा के प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार झा ने शिक्षा विभाग में लगाई थी. आरटीआई से मिली जानकारी को राजकुमार झा ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग को अवगत कराया है जिसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत में आए हैं. महिला शिक्षक सुप्रीति कुमारी को नौकरी से हटाने के साथ ही वेतन मद की राशि की वापसी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. शिक्षिका सुप्रीति कुमारी से 4 लाख 32 हजार 638 रुपये की वसूली का आदेश हुआ है।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि मामला उनके कार्यकाल से पहले का है। शिकायत के बाद मामले की जांच की जा चुकी है। महिला शिक्षिका सुप्रीति कुमारी 12 अप्रैल 2021 से ही स्कूल नहीं आ रही थी, जबकि वह वेतन लगातार उठा रही थी. संबंधित पंचायत नियोजन इकाई को आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए सुप्रीति कुमारी की नियुक्ति रद्द कर दी है। उनके खिलाफ नीलाम वाद पत्र दायर किया गया है। साथ ही वेतन के रूप में लिए गए 4 लाख 32 हजार 638 रुपये वापस करने के लिए कहा गया है।